उन्होंने कहा, 'ये पहचान, गरिमा और अवसरों के 33 करोड़ स्रोत हैं। भारत में 2014 में 50 प्रतिशत से कम लोगों के बैंक खाते थे। यह अब सर्वव्यापी के करीब है। इसलिए आज, एक अरब से अधिक बॉयोमीट्रिक पहचान, एक अरब से अधिक बैंक खाते और एक अरब से अधिक सेलफोन भारत को दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा सार्वजनिक आधारभूत ढांचा प्रदान करते हैं।'