पोलैंड। पोलैंड के इंस्टीट्यूट ऑफ नेचर कन्जर्वेश और पोलिश अकादमी ऑफ साइंसेज ने घरेलु बिल्लियों को 'आक्रामक विदेशी' प्रजाति (Aggressive Alien Species) का बताया है। सीधे तौर पर इस इंस्टीट्यूट ने दावा किया है कि बिल्लियां मानव जाति और जैव-विविधता के लिए खतरा हो सकती हैं। इस रिपोर्ट की दुनियाभर के 'Cat Lovers' ने आलोचना की है।
पोलैंड के इस वैज्ञानिक संस्थान ने बिल्लियों से पक्षियों और वन्यजीवों को होने वाले खतरे का हवाला देते हुए इसे आक्रामक विदेशी प्रजातियों (Aggressive Alien Species) के रूप में वर्गीकृत किया है। जिस डेटाबेस में बिल्लियों को जोड़ा गया है, उसमे बिल्लियों के अलावा 1,786 अन्य आक्रामक प्रजातियों के नाम भी हैं। संस्थान से जुड़े वैज्ञानिकों को अपने इस कदम के चलते भारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि इस रिपोर्ट को लेकर कुछ मीडिया संस्थानों ने गलत धारणा फैला दी है। इसी के चलते लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
वोज्शिएक सोलार्ज पोलिश इंस्टीट्यूट के एक जाने-माने जीवविज्ञानी हैं। उनके अनुसार घरेलु बिल्लियों का जैव विविधता (Bio-Diversity) पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। बिल्लियां आमतौर पर पक्षियों और स्तनधारियों (Mammals) का शिकार करती हैं, जिससे जैव विविधता पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में ये भी कहा था कि अकेले पोलैंड में बिल्लियां हर साल 14 करोड़ पक्षियों को मार देती हैं।
'The Happy Cat' के लेखक डोरोटा सुमिंस्का के अनुसार जैव-विविधता के गिरते स्तर के पीछे अन्य कई कारण है, जिसमें शहरों की इमारतें और वायु व ध्वनि प्रदुषण शामिल है। उन्होंने कहा कि इसके लिए बिल्लियों को दोष देना किसी भी तरह से सही नहीं है। उन्होंने पोलिश इंस्टट्यूट की इस रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे तो जानवरों का मांस खाने वाला मनुष्य भी जैव-विविधता के लिए खतरा है।