उन्होंने कहा कि मैं जानता था कि मैं रोहिंग्या लोगों से मुलाकात करूंगा लेकिन यह नहीं पता था कि कहां और कैसे? मेरे लिए यह यात्रा की एक शर्त थी। पोप ने म्यांमार की अपनी यात्रा के दौरान सार्वजनिक तौर पर रोहिंग्या का कोई प्रत्यक्ष जिक्र नहीं किया। बांग्लादेश में उन्होंने एक शरणार्थी शिविर में रोहिंग्या लोगों के एक समूह से मुलाकात की और उन्हें संबोधित किया।
पोप ने कहा कि बांग्लादेश ने उन लोगों के लिए काफी कुछ किया है, यह स्वागत करने का एक उदाहरण है। मैं रोया, मैंने अपने आंसू छिपाने की कोशिश की। मैंने अपने आपको कहा कि मैं उनसे बिना एक भी शब्द कहे जा नहीं सकता। पोप ने रोहिंग्याओं से कहा कि जिन लोगों ने आपको सताया, आपको नुकसान पहुंचाया, उस दुनिया की उदासीनता को लेकर मैं आपसे उन्हें माफ करने के लिए कहता हूं। (भाषा)