राजकीय सम्मान के साथ क्वीन एलिजाबेथ-II का अंतिम संस्कार, रात 12 बजे दफनाया जाएगा

सोमवार, 19 सितम्बर 2022 (18:56 IST)
Queen Elizabeth IIs funeral : महारानी एलिजाबेथ-II के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया जारी है। स्टेट फ्यूनरल यानी राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार चल रहा है। स्टेट फ्यूनरल फंक्शन में हेड ऑफ द स्टेट्स ने क्वीन को श्रद्धांजलि दी। इनमें भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी शामिल थे।
 
अब प्राइवेट फ्यूनरल की रस्में शुरू होंगी। इसके लिए उनके पार्थिव शरीर को रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (घुड़सवार दल) और NHS स्टाफ की अगुआई में वेलिंगटन आर्च ले जाया जा रहा है। यहां सेंट जॉर्ज मेमोरियल चैपल में प्रिंस फिलिप की कब्र के पास उन्हें दफनाया जाएगा। प्राइवेट सेरेमनी शुरू हो चुकी है। खबरों के मुताबिक रात 12 बजे उन्हें दफनाया जाएगा।

हवा में गूंज उठे प्रार्थना के स्वर : महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ताबूत को राजकीय अंतिम संस्कार के लिए जैसे ही वेस्टमिंस्टर एबे के भीतर ले जाया गया, बिग बेन थम गई और हवा में प्रार्थनाओं के स्वर गूंजने लगे । ब्रिटेन के शाही परिवार के सदस्यों के साथ ही दुनियाभर के विभिन्न देशों से राष्ट्राध्यक्ष और राष्ट्र प्रमुख दिवंगत महारानी को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां पहुंचे हुए हैं और साथ ही लाखों लोग टेलीविजन पर महारानी की अंतिम यात्रा के साक्षी बन रहे हैं।
 
अंतिम संस्कार में शामिल लोगों में दुनियाभर के करीब 2000 मेहमान जुटे हैं जिनमें भारत की ओर से राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और विदेश सचिव विनय क्वात्रा भाग ले रहे हैं।
 
महाराजा चार्ल्स तृतीय की अगुवाई में ताबूत यात्रा 11वीं सदी के ऐतिहासिक एबे पहुंची तो दिवंगत महारानी के नाम पर बने एलिजाबेथ टॉवर में लगी बिग बेन में हर एक एक मिनट बाद 96 घंटा बजाया जा रहा था जो महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की जीवन काल को श्रद्धांजलि का प्रतीक था।
 
प्रार्थना सभा के आयोजन में शामिल वेस्टमिंस्टर के डीन वेरी रेवरेंड डॉ डेविड होयले ने कहा, ‘‘जहां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की शादी हुई थी और उन्हें ताज पहनाया गया था, वहां देश और दुनिया से बड़ी संख्या में लोग दिवंगत महारानी को श्रद्धांजलि देने जुटे हैं।’’
 
स्थानीय समयानुसार पूर्वाह्न 11 बजते ही शुरू हुई महारानी की इस अंतिम यात्रा में उनके बेटे और महाराजा चार्ल्स पीछे चल रहे थे। महाराजा के साथ उनके बेटे प्रिंस विलियम और प्रिंस हैरी तथा भाई-बहन प्रिंसेस एनी और प्रिंस एंड्रयू तथा प्रिंस एडवर्ड थे।
 
इससे पहले ताबूत को पिछले बुधवार से वेस्टमिंस्टर हॉल में अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया था। इस अंतिम यात्रा में साथ चलने वाले राजपरिवार के सबसे कम उम्र के सदस्यों में 9 वर्षीय प्रिंस जॉर्ज तथा सात साल की प्रिंसेस शेरलोट थीं। दोनों अपने माता-पिता प्रिंस और प्रिंसेस ऑफ वेल्स के बीच में चल रहे थे।
 
देशभर में दो मिनट के मौन के साथ महारानी की प्रार्थना सभा समाप्त हुई और अंतिम संस्कार के पहले भाग के रूप में राष्ट्रगान ‘गॉड सेव द किंग’ की धुन बजाई गयी।
 
सत्तर साल तक राजगद्दी पर आसीन रहीं महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का आठ सितंबर को बाल्मोरल कैसल स्थित उनके आवास में निधन हो गया था। वह 96 वर्ष की थीं।
 
बड़ी संख्या में लोग लंदन में सर्द रात की परवाह किए बगैर संसद के वेस्टमिंस्टर हॉल में ‘लाइंग इन स्टेट’ (अंतिम दर्शन के लिए रखे) में रखे महारानी के ताबूत के अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे। शोक व्यक्त करने वाले लोग सोमवार सुबह साढ़े छह बजे के कुछ ही देर बाद वेस्टमिंस्टर हाल से चले गए। महारानी के ताबूत के दर्शन करने वाले आखिरी व्यक्ति ने कहा कि यह ‘‘मेरे जीवन का सबसे अहम क्षण’’ रहेगा।
 
अंतिम संस्कार से पहले शाही परिवार ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का सोमवार को अंतिम चित्र जारी किया, जिसमें वह हल्के नीले रंग की पोशाक पहने अपने चिर परिचित अंदाज में मुस्कुराती नजर आ रही हैं।
 
सोमवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है और देश भर में टीवी पर तथा उद्यानों एवं सार्वजनिक स्थलों पर बड़े स्क्रीन के माध्यम से अंतिम संस्कार का सीधा प्रसारण किया जा रहा है। महारानी को किंग जार्ज षष्ठम मैमोरियल चैपल में उनके दिवंगत पति प्रिंस फिलिप के बराबर में दफनाया जाएगा।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी