दिग्गज नेताओं के बजाए महारानी एलिजाबेथ पर टिकी दुनियाभर की निगाहें

सोमवार, 19 सितम्बर 2022 (12:01 IST)
लंदन। अमेरिका के राष्ट्रपति विदेश यात्रा पर जाते हैं तो मीडिया सहित पूरी दुनिया की निगाहें उन पर टिकी होती हैं और आमतौर पर वही चर्चा का केंद्र होते हैं लेकिन इस बार लंदन में दुनियाभर के दिग्गज नेताओं के जमावड़े के बावजूद सूरत-ए-हाल कुछ और है। मीडिया से लेकर तमाम विशेषज्ञों तक की चर्चा का केंद्र महारानी एलिजाबेथ द्वितीय एवं उनका राजघराना है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन तथा अन्य राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों एवं गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत लाल कालीन बिछाकर नहीं किया गया। जाहिर बात है कि यह जश्न की नहीं बल्कि शोक की घड़ी है। सोमवार को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राजकीय अंतिम संस्कार के लिए एकत्रित होने के कारण इन नेताओं ने कोई बड़ा भाषण नहीं दिया और न ही कोई संवाददाता सम्मेलन किया।

इसके बजाय ब्रिटेन पर सबसे अधिक समय तक राज करने वाली 96 वर्षीय महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सम्मान में वे एक-एक शब्द नाप-तौल कर बोल रहे हैं। बराक ओबामा के प्रशासन में अमेरिकी विदेश विभाग की प्रोटोकॉल प्रमुख रहीं कैप्रिशिया मार्शल ने कहा, वे जानते हैं कि वे वहां किसी की मौत पर शोक मनाने गए हैं। वे यह भी जानते हैं कि वे अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

बाइडन ने शोक संदेश पुस्तिका पर हस्ताक्षर करने पर बीबीसी से बात की लेकिन ब्रिटिश प्रसारणकर्ता ने उनकी टिप्पणियों का सजीव प्रसारण नहीं किया। बाइडन और उनकी पत्नी जिल बाइडन ने पिछले साल महारानी से चाय पर हुई मुलाकात की यादें रविवार को साझा कीं। उन्होंने बताया कि महारानी ने उन्हें लंदन के समीप विंडसर कैसल में आमंत्रित किया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने 2021 की उस यात्रा के बाद कहा था कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय उन्हें उनकी दिवंगत मां की याद दिलाती हैं। उन्होंने यादें साझा करते हुए रविवार को बताया कि महारानी उन्हें क्रम्पेट्स (इंग्लिश मफिन) पेश करती रही थीं।

लंदन पहुंचे विभिन्न देशों के अन्य नेता भी प्रचार और तामझाम से दूर ही दिखे। कुछ नेताओं ने महारानी की यादों को साझा करते हुए साक्षात्कार दिए। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस से जब यह पूछा गया कि क्या उनका देश गणतंत्र बनना चाहेगा, इस पर जवाब देने से बचते हुए उन्होंने कहा कि अभी यह समय इस पर चर्चा का नहीं है।

बहरहाल, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने जरूर लंदन में अपने देश के दूतावास के बाहर रविवार को चुनाव प्रचार भाषण दिया। बोलसोनारो देश में दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाइडन के सुर्खियों से दूर रहने की पीछे की वजह प्रोटोकॉल से कहीं ज्यादा यह है कि यह खुशी का मौका नहीं है।(भाषा) 

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