India-China cooperat: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ध्रुवीकृत वैश्विक स्थिति के बीच, जी-20 समूह की अखंडता बनाए रखने में भारत और चीन के संयुक्त प्रयासों पर शुक्रवार को जोर दिया। जयशंकर जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका की दो दिवसीय यात्रा पर जोहानिसबर्ग में हैं।
उन्होंने यहां जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान अपने चीनी समकक्ष वांग ई के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान अपने संबोधन में कहा कि हमें यह समझना चाहिए कि ध्रुवीकृत वैश्विक स्थिति में दोनों देशों ने एक संस्था के रूप में जी-20 को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए कड़ी मेहनत की है। यह अपने आप में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व को प्रमाणित करता है।
जी-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका, अफ्रीकी संघ और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, वांग ने कहा कि पिछले वर्ष रूस के कजान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच सफल बैठक के बाद, दोनों देशों के बीच सभी स्तरों पर आदान-प्रदान व्यवस्थित तरीके से बहाल हो गया है।
वहीं, जयशंकर ने कहा कि जी-20 जैसे मंचों ने भारत और चीन को अपने द्विपक्षीय संबंधों में चुनौतीपूर्ण दौर के दौरान भी बातचीत करने के अवसर प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी बैठकों ने हमारे बीच बातचीत का अवसर प्रदान किया, उस समय भी जब हमारे संबंध कठिन दौर से गुजर रहे थे।
उन्होंने यह जिक्र किया कि भारत और चीन जी-20, एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) और ब्रिक्स के सदस्य हैं। अपने संबोधन में वांग ने पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक को द्विपक्षीय संबंधों में पिछले वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण बात बताया। उन्होंने कहा कि यह संबंध सुधार की दिशा में और आगे की ओर अग्रसर है।(भाषा)