शोधकर्ताओं ने बताया कि वैज्ञानिक और तकनीकी अध्ययन में खुलासा हुआ कि चर्च के नीचे सही-सलामत एक मकबरा मौजूद है। कारबयराम ने 'हुर्रियत डेली न्यूज' को बताया कि हमारा मानना है कि इस मकबरे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन इसके फर्श पर पच्चीकारी के कारण उस तक पहुंचना काफी मुश्किल है। शोधकर्ताओं के मुताबिक अब तक माना जाता था कि निकोलस की हड्डियां इटली में हैं।
कारबयराम ने बताया कि हमने 1942 से 1966 के बीच के सभी दस्तावेजों का अध्ययन किया। वहां कुछ दस्तावेज थे। इन दस्तावेजों के मुताबिक इस चर्च को तोड़ दिया गया और इसका पुनर्निर्माण किया गया था। फिर से निर्माण के दौरान बारी के व्यापारियों को हड्डियां मिलीं। लेकिन इसमें बताया गया कि ये हड्डियां सेंट निकोलस की नहीं बल्कि किसी और पादरी की थीं। शोधकर्ता 3 महीनों से काम कर रहे हैं और एक सीटी स्कैन, एक जियो रडार और अंतिम चरण में उत्खनन कार्य के लिए 8 अकादमियों की मदद ली गई।