CAA पर सत्या नडेला के बयान के बाद Microsoft की सफाई, जानिए क्या था पूरा मामला
मंगलवार, 14 जनवरी 2020 (12:18 IST)
नई दिल्ली। भारत में लागू किए गए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के भारतीय मूल के सीईओ सत्या नडेला (Satya Nadella) ने भी अपनी राय रखी थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आईं। अब नडेला के बयान पर माइक्रोसॉफ्ट इंडिया को सफाई देनी पड़ी है।
Asked Microsoft CEO @satyanadella about India's new Citizenship Act. "I think what is happening is sad... It's just bad.... I would love to see a Bangladeshi immigrant who comes to India and creates the next unicorn in India or becomes the next CEO of Infosys" cc @PranavDixit
नडेला ने क्या दिया था बयान : अमेरिका के मैनहट्टन में संपादकों के साथ एक बैठक में नडेला से नागरिकता संशोधन कानून को लेकर एक सवाल पूछा गया। इस पर नडेला ने कहा था कि भारत में जो हो रहा है, वो बहुत दुखद है। नडेला ने कहा था कि 'मैं देश (भारत) में एक बांग्लादेशी अप्रवासी को करोड़ों डॉलर की टेक कंपनी बनाने में मदद करते देखना या इंफोसिस का सीईओ बनते देखना पसंद करूंगा।'
नडेला ने कहा कि मैं ये नहीं कह रहा हूं कि किसी देश को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा, बॉर्डर पर कुछ नहीं करना चाहिए। वहां की सरकार और लोग इस बारे में जरूर सोचेंगे, क्योंकि इमिग्रेशन एक बड़ा मुद्दा है। ये यूरोप और भारत में बड़ी बात है। इसके साथ कौन कैसे डील करता है? ये सोचने वाली बात है।
नडेला ने कहा कि प्रवास क्या है? प्रवासी कौन हो और अल्पसंख्यक का ग्रुप कौन है? ये ही संवेदनशीलता है, लेकिन अच्छी बात यह है कि भारत एक लोकतंत्र है, जहां पर लोग उसकी चर्चा कर रहे हैं। यहां कुछ छुपा नहीं है... इस पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए। मैं अपनी बात पर साफ हूं कि हम किन मूल्यों पर खड़े होते थे और मैं किन मूल्यों की बात कर रहा हूं।
I am glad Satya Nadella has said what he has. I wish that one of our own IT czars had the courage and wisdom to say this first. Or to say it even now. https://t.co/KsKbDUtMQk
सोशल मीडिया पर आई प्रतिक्रिया : नडेला का बयान सोशल मीडिया पर भी तेजी से फ़ैला है। प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने उनके बयान पर समर्थन करते हुए ट्वीट किया, नडेला ने जो कहा है, उससे ख़ुशी मिली है। मेरी इच्छा थी कि हमारे अपने भारतीय आईटी कंपनियों के प्रमुख भी ऐसा साहस और बुद्धिमता दिखाते। वे अब भी ऐसा कर सकते हैं।
अमेरिकी इंटरप्राइजेज इंस्टिट्यूट (एक पब्लिक पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट) से जुड़े भारतीय मूल के लेखक पत्रकार सदानंद धुमे ने ट्वीट किया कि सत्या नडेला ने इस विषय पर बोला। इस बात ने मुझे अचरज में डाला है, लेकिन मुझे इस बात पर अचरज नहीं हुआ है कि उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया है। माइक्रोसॉफ्ट जैसी कामयाब कंपनी हर आदमी को एकसमान देखने के सिद्धांत पर ही बनी है।
नडेला के बयान पर माइक्रोसॉफ्ट की सफाई : सत्या नडेला के इस बयान पर जब विवाद हुआ तो माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से एक बयान जारी किया गया। इसमें सत्या नडेला के बयान का मतलब समझाया गया और मामले पर सफाई दी गई।
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने सत्या नडेला का बयान ट्वीट किया है। इसमें लिखा है- 'हर देश को अपने बॉर्डर, राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रवासी पॉलिसी को तय करने का अधिकार है। लोकतंत्र में सरकारें और देश की जनता ऐसे मुद्दों पर बात करके अपना फैसला लेती है।
मैं भारतीय मूल्यों के आधार पर बड़ा हुआ हूं, जो कि एक मल्टीकल्चर भारत था और अमेरिका में भी मेरा प्रवासी अनुभव ऐसा ही रहा है। भारत के लिए मेरी आकांक्षा है कि वहां पर कोई भी प्रवासी आकर एक अच्छा स्टार्टअप, बड़ी कंपनी की अगुवाई करने का सपना देख सके जिससे भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंच सके।