युवती ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए सोशल मीडिया पर एक अभियान शुरू किया जिसे काफी देखा गया। इसके बाद थाई अधिकारियों ने अस्थायी रूप से उसे संरा अधिकारियों के संरक्षण में रखा। बुधवार को उसे शरणार्थी का दर्जा दिया गया। इस मामले ने सऊदी अरब में महिलाओं के अधिकारों की स्थिति को फिर से रेखांकित किया है।