उल्लेखनीय है कि इस क्रांतिकारी कदम को समझना सबके लिए जरूरी है क्योंकि अब सऊदी अरब, आगे बढ़ने के लिए अब सॉफ्ट इस्लाम का सहारा ले रहा है। ये पूरी दुनिया के लिए एक बहुत सकारात्मक बात है और इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है, वहां के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान।
विदित हो कि वर्ष 1980 के आसपास वहाबी कट्टरपंथियों के दबाव में सऊदी अरब में सिनेमा घरों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और तब से लेकर अब तक सऊदी अरब के तमाम लोग मनोरंजन के लिए UAE, Bahrain और कई दूसरे देशों की यात्रा करते थे।
कई दशकों तक सऊदी के लोग रूढिवादी रहे हैं लेकिन अब ऐसा लगता है कि वहां की सत्ता और वहां का समाज दोनों पहले की अपेक्षा ज्यादा उदारवादी हो गए हैं और यही उदारवाद ही सऊदी अरब के भविष्य की कुंजी है। एक और जहां सऊदी अरब है वहीं भारत में कश्मीर है जहां श्रीनगर समेत पूरी कश्मीर घाटी में वर्ष 1990 से सिनेमाघर बंद पड़े हुए हैं।
वो कश्मीर जिसे दुनिया का स्वर्ग कहा जाता है भी वहाबी कट्टरपंथ की वजह से अपने सिनेमा सिनेमा घरों पर ताला लगा चुका है। यह भारत के लिए शर्म की बात है कि एक आजाद देश होने के बावजूद देश के एक हिस्से में भारत के कानून नहीं चलते और अभिव्यक्ति की आजादी के होने के बावजूद देश के एक हिस्से में आप फिल्में नहीं देख सकते हैं।