रियाद। सऊदी अरब ने साढ़े तीन दशक से अधिक समय से सिनेमाघरों पर लगा बैन हटा लिया है। इस फैसले को देश के ताकतवर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विज़न 2030 कार्यक्रम का हिस्सा बताया जा रहा है। क्राउन प्रिंस ने पिछले दिनों ऐसे कई फैसले लिए हैं, जिनमें महिलाओं को कार चलाने की अनुमति देना भी शामिल है।
क्राउन प्रिंस के इस फैसले से रूढ़िवादी देश में काफी हलचल है। गौरतलब है कि कट्टरपंथियों के दबाव में 1980 के दशक में सिनेमाघरों को बंद करा दिया गया था। कट्टरपंथियों का कहना था कि सिनेमा से सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को खतरा है। गत जनवरी में भी सऊदी के एक प्रमुख मौलवी ने आगाह किया था कि सिनेमा से नैतिकता खत्म हो जाएगी। जबकि सऊदी के फिल्म निर्माताओं ने तर्क दिया था कि यूट्यूब के दौर में सिनेमा को बैन करने का कोई मतलब नहीं है।
संस्कृति और सूचना मंत्री अवाद बिन सालेह अलवाद ने एक बयान में कहा कि उद्योग नियामक, जनरल कमिशन फॉर ऑडियोविजुअल मीडिया ने इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहला सिनेमाघर मार्च 2018 में खुलने की उम्मीद है। यह कदम 'विजन 2030' के तहत सुधारों की श्रृंखला का हिस्सा है, जिसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई भी शामिल है।
इस परिवर्तन का उद्देश्य सऊदी लोगों द्वारा विदेशों में खर्च किए गए 20 अरब डॉलर का एक चौथाई हिस्सा हासिल करना है, जो शो और मनोरंजन पार्कों को देखने के लिए विदेशों की यात्रा करने के आदी हैं। हाल के महीनों में सऊदी अरब ने कॉन्सर्ट व कल्चर फेस्टिवल का आयोजन किया था, जिसमें लोगों को पहली बार म्यूज़िक पर सड़कों पर नृत्य करते देखा गया। (वार्ता)