नई दिल्ली। भारत की स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बी डाटा लीक मामले का ओरछोर ढूंढने की कोशिश में जुटी फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस इस मामले में अब कोर्ट जाने की तैयारी में है। डीसीएनएस, ऑस्ट्रेलियाई पब्लिशर 'द ऑस्ट्रेलियन' को इससे जुड़े अन्य गोपनीय दस्तावेजों को प्रकाशित करने से रोकने की कोशिश में है क्योंकि इससे उसके ग्राहक (भारतीय नौसेना) को सीधा नुकसान पहुंचेगा।
डीसीएनएस कंपनी सोमवार को ऑस्ट्रेलिया की न्यू साउथ वेल्स सुप्रीम कोर्ट में निषेधाज्ञा पत्र फाइल करने जा रही है, जिससे वह 'द ऑस्ट्रेलियन' को मुंबई के मझगांव डॉक में बन रही स्कॉर्पीन पनडुब्बियों से जुड़े किसी अन्य दस्तावेज, जिससे भारत के हितों को नुकसान पहुंचता हो, को छापने से रोक सके। डीसीएनएस के वकील ने 'द ऑस्ट्रेलियन' से कहा, 'इस तरह के अत्यधिक मूल्यवान दस्तावेजों को छापने से डीसीएनएस और उसके ग्राहक की संवेदनशील व प्रतिबंधित जानकारी, तस्वीरें और उनकी प्रतिष्ठा को सीधा नुकसान हो सकता है।'
दूसरी ओर, 'द ऑस्ट्रेलियन' अखबार जो इन पनडुब्बियों में लगी हथियार प्रणाली से जुड़ी जानकारी छापने की बात कर रहा था, अब कह रहा है कि उसने स्कॉर्पीन पर संभवत: इस्तेमाल किए जाने वाली एसएम-39 मिसाइल की क्षमताओं की विस्तृत जानकारी देखी है। दस्तावेजों में मिसाइल की टारगेट क्षमता, लॉन्च डिटेल और फायर करने से पहले कितने कितने टारगेट तय किए जा सकते हैं, यह सब जानकारी है। (वार्ता)