इस समझौते के तहत, जिस फोटोग्राफर के कैमरे का इस्तेमाल तस्वीर लेने के लिए हुआ था उसने भविष्य में तस्वीरों से मिलने वाले राजस्व का 25 फीसदी अंश इंडोनेशिया में बंदरों की विशेष प्रजाति के संरक्षण का काम करने वाली धर्मार्थ संस्थाओं को देने पर सहमति जताई है। प्राणी-अधिकार समूह के वकीलों ने यह जानकारी दी।
ये तस्वीरें वर्ष 2011 की, इंडोनेशिया के सुलावेसी की हैं। स्लाटर ने कैमरा लावारिस हालत में छोड़ रखा था, इसी बीच बंदर ने उससे तस्वीरें ले ली। (भाषा)