आतंकियों ने हसीना की हत्या के प्रयास के तहत 76 किलोग्राम के बम प्लांट किए थे। सुरक्षा अधिकारियों ने जनसभा से पहले बम का पता लगा लिया और इस साजिश को विफल कर दिया। जांच के बाद पता चला कि हूजी का सरगना मुफ्ती हन्नान इस साजिश का मास्टरमाइंड है। हन्नान को बांग्लादेशी मूल के तत्कालीन ब्रिटिश उच्चायुक्त की हत्या के प्रयास के मामले में इस साल की शुरुआत में फांसी दे दी गई थी।
जज ने कहा, 'हाईकोर्ट की अनुमति से इन लोगों को फांसी देकर या फिर गोली मारकर मौत की सजा दी जाएगी।' इनमें से सिर्फ 8 लोगों के जेल में रहते हुए उनके खिलाफ सुनवाई की गई, जबकि शेष लोगों की गैर-मौजूदगी में सुनवाई हुई। बांग्लादेश के कानून के तहत मौत की सजा के तामील के लिए हाईकोर्ट की अनुमति लेनी होती है। दोषी अपील कर सकते हैं।
माना जाता है कि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली तत्कालीन सत्तारूढ़ बीएनपी के एक प्रभावशाली समूह ने हूजी के साथ मिलकर हसीना की हत्या की साजिश रची। इस हमले में हसीना बाल-बाल बच गई थीं, हालांकि उनके कान में चोट आई थी। बीएनपी के नेता और खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान को इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है और उनकी अनुपस्थिति में उन पर मुकदमा चलाया जा रहा है। (एजेंसी)