South Korea declares martial law : दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने मंगलवार को देर रात टेलीविजन पर आपातकालीन संबोधन में देश में मार्शल लॉ घोषित कर दिया लेकिन संसद ने इस निर्णय को वापस लेने की मांग के पक्ष में मतदान करने से संकट की स्थिति पैदा हो गई। योनहाप समाचार एजेंसी (वाईएनए) ने कहा कि हालांकि राष्ट्रपति द्वारा मार्शल लॉ की घोषणा के साथ गठित सैन्य कमान ने एक आदेश जारी कर सभी राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसमें नेशनल असेंबली से संबंधित गतिविधियां भी शामिल हैं साथ ही राजनीतिक दलों द्वारा विरोध प्रदर्शन और गतिविधियां भी शामिल हैं।
यह आदेश सेना प्रमुख जनरल पार्क अन-सू द्वारा जारी किया गया। उन्हें कमान का नेतृत्व करने के लिए नामित किया गया है। पार्क ने कहा कि नेशनल असेंबली, क्षेत्रीय विधानसभाओं, राजनीतिक दलों, राजनीतिक संगठनों के गठन, रैलियों और विरोध प्रदर्शनों से संबंधित सभी राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।''
वाईएनए की रिपोर्ट के अनुसार देश के रक्षा मंत्रालय ने प्रमुख कमांडरों की बैठक का आदेश दिया है और सतर्कता बढ़ाने पर जोर दिया है।
यून ने टेलीविज़न संबोधन में कहा कि मार्शल लॉ का उद्देश्य उत्तर कोरिया समर्थक ताकतों को खत्म करना और स्वतंत्रता के संवैधानिक आदेश की रक्षा करना है।''
विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा संसदीय बजट समिति में कम बजट वाले बिल को आगे बढ़ाने और राज्य के लेखा परीक्षक और मुख्य अभियोजक के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव प्रस्तुत करने के बाद यह निर्णय लिया गया।
यून ने यह नहीं बताया कि क्या विशिष्ट उपाय किए जाएंगे। उन्होंने संसद में बहुमत वाली डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा शीर्ष अभियोजकों पर महाभियोग चलाने और बजट प्रस्ताव को अस्वीकार करने के प्रस्ताव का हवाला दिया।
उन्होंने विपक्ष की कार्रवाइयों को ''विद्रोह भड़काने के उद्देश्य से स्पष्ट रूप से राज्य विरोधी व्यवहार'' करार दिया। उन्होंने आगे दावा किया कि इन कृत्यों ने ''राज्य के मामलों को पंगु बना दिया है और नेशनल असेंबली को अपराधियों का अड्डा बना दिया है।''
उन्होंने मार्शल लॉ को इन ''बेशर्म उत्तर समर्थक राज्य विरोधी ताकतों'' को खत्म करने के लिए एक आवश्यक उपाय बताया और लोगों की स्वतंत्रता और सुरक्षा की रक्षा करने, देश की स्थिरता सुनिश्चित करने और भविष्य की पीढ़ियों को एक स्थिर राष्ट्र सौंपने के लिए आवश्यक बताया।
बीबीसी ने बताया कि सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष दोनों ने घोषणा को बाधित करने की कसम खाई थी जिसके तुरंत बाद सांसदों ने राष्ट्रपति के कदम को रोकने के लिए मतदान किया। संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार पुलिस सायरन बजने पर लोग ''नो मार्शल लॉ'' के नारे लगा रहे थे।
सीएनएन ने बताया कि श्री यून ने अपने संबोधन में विपक्ष पर देश को ड्रग हेवन में बदलने और सार्वजनिक सुरक्षा और आजीविका के लिए हानिकारक अव्यवस्था की स्थिति पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी उदार लोकतांत्रिक व्यवस्था को उखाड़ फेंकने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा ''नेशनल असेंबली उदार लोकतंत्र को कमजोर करने वाला एक राक्षस बन गई है और राष्ट्र एक अनिश्चित स्थिति में है जो पतन के कगार पर है।'' हालांकि घोषणा ने राष्ट्रपति को राजनीतिक दलों के साथ टकराव के रास्ते पर ला खड़ा किया।
सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी के प्रमुख हान डोंग-हून ने राष्ट्रपति की मार्शल लॉ की घोषणा को गलत बताया और कहा कि वह लोगों के साथ मिलकर इसे रोकेंगे। डेमोक्रेटिक पार्टी ने यून की घोषणा को ''असंवैधानिक, जनविरोधी''