कोलंबो। श्रीलंका में मुस्लिम समुदायों के खिलाफ हुई हिंसा के बाद छह मार्च को लगाए गए आपातकाल को हटा लिया गया है। राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरीसेना ने ट्वीट कर आपातकाल हटाने की घोषणा की। उन्होंने ट्वीट किया कि लोगों की सुरक्षा का आकलन करने के बाद उन्होंने रविवार आधी रात से आपातकाल हटाने का निर्देश दिया है।
बौद्ध बहुसंख्यक आबादी वाले देश में अल्पसंख्यक मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की शुरुआत 2012 से हुई थी। कहा जाता है कि इसे कट्टर बौद्ध समूहों ने हवा दी थी। बौद्धों का आरोप है कि मुस्लिम ज़बरदस्ती लोगों का इस्लाम में धर्मांतरण करा रहे हैं और बौद्ध पुरातात्विक स्थलों को तबाह कर रहे हैं। हिंसक घटनाओं के दौरान दर्जनों मुस्लिम धार्मिक स्थलों को भी नुकसान पहुंचाया गया है।
हज़ारों सैनिकों को कैंडी क्षेत्र में तैनात किया गया था। विभिन्न समूहों ने कैंडी में कर्फ़्यू के खिलाफ प्रदर्शन किया था जिसके खिलाफ आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे। फेसबुक समेत विभिन्न सोशल मीडिया वेबसाइट पर लगा प्रतिबंध भी इस हफ़्ते पहले ही हटा लिया गया था। सात वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है जब श्रीलंका ने आपातकाल की घोषणा की। देश में कोई तीन दशकों तक तमिल विद्रोहियों के साथ सरकार को गृह युद्ध का सामना करना पड़ा जो 2009 में जाकर समाप्त हुआ। (वार्ता)