ISIS की आड़ में शीतयुद्ध जारी, तीसरे महायुद्ध की आहट...
गुरुवार, 26 नवंबर 2015 (13:13 IST)
इन दिनों दुनिया एक बार फिर शीतयुद्ध के चरम पर है। डर है कि महाशक्तियों की रस्साकशी कहीं तीसरे महायुद्ध का कारण न बनाया जाए। पिछले करीब 60 वर्षों से मध्यपूर्व एशिया में तनाव बना हुआ है। तेल खनिज से समृद्ध इस क्षेत्र में पश्चिमी देशों की दिलचस्पी के चलते यहां के कई देशों में युद्ध या युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। अपने अपने हितों को साधने में हो रहे टकराव का नतीजा इस्लामिक चरमपंथी गुटों के रूप में देखा जा रहा है। फिलहाल सीरिया इस टकराव की रणभूमि बना हुआ है।
इस्लामिक स्टेट के खिलाफ युद्ध में उतरे रूस के लड़ाकू विमान को तुर्की द्वारा मार गिराने पर रूस के कड़े तेवर को देखते हुए तुर्की के तेवर भी कम पड़ने लगे हैं। रूस का कहना है कि तुर्की की यह कार्रवाई "सुनियोजित उकसावा" थी। लेकिन चूंकि नाटो के सदस्य तुर्की ने तनाव कम करने की पहल की है, इसलिए वह युद्ध नहीं करेगा।
अभी तक आशंका थी कि सीरिया में आईसिस के खिलाफ चल रहे युद्ध के दो बड़े खिलाड़ियों के बीच जंग छिड़ सकती है, क्योंकि राष्ट्रपति पुतिन ने इसे पीठ में छूरा घोंपने वाली कार्रवाई बताते हुए गंभीर अंजाम की चेतावनी दी थी। इसके तुरंत बाद रूस ने सीरिया में "एस-400" एंटी एयरक्रॉफ्ट मिसाइल सिस्टम को अपने एयरबेस में तैनात करने की घोषणा कर दी थी। सीरिया में रूसी सैन्य ठिकाने पर लगी इस घातक मिसाइल प्रणाली से रूस की ताकत और बढ़ जाएगी।
उल्लेखनीय है कि 24 नंवबर को तुर्की द्वारा रूसी विमान मार गिराने की घटना के बाद रूस और अमेरिका आमने-सामने हो गए थे। अमेरिका तुर्की के समर्थन में है और तुर्की नॉटो का सदस्य है। इसके तुरंत बाद रूस ने त्वरित कार्यवाई करते हुए सीरिया में विशेष अभियान चलाया था जिसमें शत्रु क्षेत्र में घुसकर रूस व सीरिया की विशेष सेना ने विमान से कूदे दूसरे पायलट को बचा लिया। जबकि एक पायलट की मौत हो गई थी। इस अभियान में रूस का एक हेलिकॉप्टर भी नष्ट हो गया।
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क्यों है रूस-तुर्की टकराव : सीरिया में चार साल से जारी गृहयुद्ध को लेकर रूस व तुर्की में तनाव है। तुर्की पड़ोसी देश सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद को हटाना चाहता है, जबकि रूस असद का समर्थन करता है। इस पूरे घटनाक्रम में अमेरिका की भूमिका से भी इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि अमेरिका ने तुर्की को सही ठहराते हुए रूस से संयम बरतने को कहा। दसअसल सीरिया में आईएसआईएस के खिलाफ रूस के उतरने के बाद स्थिति एकाएक बदल गई है। रूस ने तेजी से हवाई हमले करते हुए आतंकियों की कमर तोड़ दी थी वहीं अमेरिका पर इस मामले में दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगता रहा है। आरोप यह भी है कि अमेरिका की गुप्तचर सेवा सीआईए ने ही आईसिस को मध्यपूर्व में पनपने का मौका दिया है।
बिना चेतावनी मार गिराया विमान : रूसी सेना द्वारा जिंदा बचा लिए गए रूसी पायलट कोन्स्टेनटिन ने बताया कि तुर्की ने लड़ाकू विमान गिराने से पहले कोई चेतावनी नहीं दी गई थी। न तो रेडियो और न ही विजुअल संदेश भेजा गया था।
मॉस्को में आक्रोश, तुर्की दूतावास पर पथराव : मॉस्को में सैकड़ों युवाओं ने विमान गिराने के विरोध में तुर्की के दूतावास पर अंडे व पत्थर बरसाए। पुतिन पर अब इस मामले में कोई कड़ी कार्यवाई करने का दबाव होगा।
आतंकी हमले के बाद ट्यूनीशिया में आपातकाल : ट्यूनीशिया में राष्ट्रपति के सुरक्षाकर्मियों की बस में हुए भीषण विस्फोट के बाद वहां के राष्ट्रपति बेजी केइद एसेबसी ने राष्ट्रीय आपातकाल और राजधानी में कर्फ्यू की घोषणा की है। बस विस्फोट में 12 लोग मारे गए हैं।