TRF Pahalgam terror attack: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) के प्रतिबंध निगरानी दल ने कहा कि 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने पहलगाम (Pahalgam) आतंकवादी हमले की 2 बार जिम्मेदारी ली थी और घटनास्थल की एक तस्वीर प्रकाशित की थी। संयुक्त राष्ट्र दल ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि यह हमला पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT)के समर्थन के बिना संभव नहीं था।
न्याय के कटघरे में लाना जरूरी : रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि क्षेत्रीय संबंध अब भी नाजुक हैं और यह आशंका है कि आतंकवादी संगठन इन क्षेत्रीय तनावों का फायदा उठा सकते हैं। अमेरिका ने इस महीने टीआरएफ को विदेशी आतंकवादी संगठन और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया है। पहलगाम हमले के बाद 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक बयान जारी कर कहा था कि ऐसे घृणित आतंकवादी कृत्य के जिम्मेदार अपराधियों, षड्यंत्रकर्ताओं, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाना जरूरी है। हालांकि पाकिस्तान के दबाव में उस बयान में टीआरएफ का नाम शामिल नहीं किया गया था।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को संसद में कहा कि सुरक्षा परिषद में बयान पर चर्चा के दौरान पाकिस्तान ने टीआरएफ के नाम का किसी भी प्रकार का उल्लेख हटवाने की कोशिश की थी। भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस्लामिक स्टेट-खुरासान अब भी मध्य और दक्षिण एशिया तथा वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।(भाषा)