उनकी यात्रा की तैयारियों और एजेंडा की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत में भारत-अमेरिका संबंध को और प्रगाढ़ करने के तरीकों, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, पूर्वी लद्दाख में चीन के आक्रामक व्यवहार, आतंकवाद से पैदा हुई चुनौतियां और अफगान शांति वार्ता पर जोर रहने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि तीन अरब डॉलर से अधिक (अनुमानित) लागत से अमेरिका से करीब 30 मल्टी-मिशन सशस्त्र प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की भारत की योजना पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। ये ड्रोन सेना के तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौ सेना) के लिए खरीदने की योजना है।
क्वाड समूह के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना सहयोग विस्तारित करने का संकल्प लेने के कुछ दिनों बाद अमेरिकी रक्षामंत्री की भारत की यात्रा हो रही है। चार देशों के इस समूह में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। अमेरिकी रक्षामंत्री ने भारत पहुंचने से पहले जापान और दक्षिण कोरिया का दौरा किया।(भाषा)