रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक न्यूयॉर्क सिटी में स्थित एनवाईयू लैंगन हेल्थ सेंटर (NYU) में डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम ने इस सर्जरी अंजाम दिया। सर्जरी की तैयारी भी काफी ठोस तरीके से की गई थी। किडनी ट्रांसप्लांट से पहले सूअर के जीन को बदल दिया गया था ताकि इंसानी शरीर उसके अंग को तत्काल खारिज न कर पाए।
ट्रांसप्लांट की यह प्रक्रिया एक ब्रेन डेड हो चुके मरीज पर की गई। इस मरीज की किडनी ने काम करना बंद कर दिया था, लेकिन उसे लाइफ सपोर्ट से हटाने से पहले डॉक्टरों ने उनके परिवारों से इस टेस्ट की अनुमति मांगी थी। इसके बाद उन्होंने यह प्रयोग किया। तीन दिन तक सूअर की किडनी ब्रेन डेड मरीज की रक्त वाहिकाओं से जुड़ा हुआ था। किडनी को शरीर के बाहर ही रखा गया था।