माल्या की जमानत की अवधि 4 दिसम्बर तक बढ़ी

मंगलवार, 13 जून 2017 (22:47 IST)
लंदन। शराब कारोबारी और बैंक डिफॉल्टर विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर मंगलवार को ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने उन्हें 4 दिसंबर तक के लिए जमानत दी है। मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी।
 
माल्या ने कहा कि मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है। मैं सभी आरोपों का खंडन करता हूं। मैं किसी कोर्ट से भागा नहीं हूं। खुशी है कि यहां निष्पक्ष अदालत में मुझे अपना पक्ष रखने का अवसर मिला है, लेकिन उन्होंने उस सवाल को टाल दिया, जिसमें उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें इस बात का डर लगता है कि भारत में मुकदमा उनके लिए अन्यायपूर्ण हो सकता है?
 
गौरतलब है कि अप्रैल में गिरफ्तारी के बाद से 61 वर्षीय माल्या जमानत पर बाहर हैं। माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस ने बैंकों का करीब 9,000 करोड़ रुपए का कर्ज नहीं चुकाया है, इस मामले में वह भारत में वांछित हैं।
वह मार्च 2016 से ब्रिटेन में हैं।18 अप्रैल को प्रत्यर्पण वारंट पर स्कॉटलैंड यार्ड ने उन्हें गिरफ्तार किया था।

भारत लाने के लिए उठाए जा रहे हैं जरूरी कदम : विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि विजय माल्या को ब्रिटेन से भारत लाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं, लेकिन उसके प्रत्यर्पण के लिए कोई निश्चित समय-सीमा नहीं दी जा सकती है।
 
सिंह ने कहा कि प्रत्यर्पण के उद्देश्य के लिए दस्तावेज ब्रिटेन को भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि वे दस्तावेजों का परीक्षण कर रहे हैं और हम प्रतीक्षा कर रहे हैं। जब भी ब्रिटेन हरी झंडी देगा, माल्या को वापस भारत लाया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रत्यर्पण उतना सरल और आसान नहीं हैं, जितना लोग सोचते हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई देश प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर करता है तो कुछ शर्तें तय की जाती हैं।
 
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और उसके कानून का मानना है कि अगर कोई वैध पासपोर्ट के साथ उनके देश में घुसता है, जिसे बाद में रद्द कर दिया जाता है तो वे कार्रवाई नहीं करेंगे। सिंह ने कहा कि भारत की तरफ से इस उद्देश्य के लिए जरूरी दस्तावेज प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से ब्रिटेन के अधिकारियों को भेजे गए हैं, जो फैसला करने से पहले उसका परीक्षण कर रहे हैं। 
 
उन्होंने कहा कि फिलहाल कोई समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है कि कब शराब कारोबारी को भारत वापस लाया जाएगा। मंत्री का बयान ऐसे दिन में आया है जब माल्या के अपने प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई के लिए लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्टेट अदालत में उपस्थित होना है। माल्या कई बैंकों के बकाए कर्ज की अदायगी में चूक करने को लेकर भारत में वांछित हैं।
 
कुलभूषण जाधव मामले पर सिंह ने कहा कि भारत ने इस मामले में अंतरराष्टीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उसने पाकिस्तान पर वियना संधि का उल्लंघन करने और जाधव को दोषी ठहराने के लिए लेशमात्र भी साक्ष्य के बिना हास्यपूर्ण मुकदमा चलाया।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाना चाहिए, सिंह ने कहा कि मामला गृह मंत्रालय से संबंधित है, जो जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि हुर्रियत को कहां से धन मिल रहा है। यह भलीभांति ज्ञात है कि जिन गतिविधियों में वो शामिल हैं, वो आतंवादियों की तरह की हैं।  उन्होंने कहा कि सबकुछ ध्यान में रखकर फैसला किया जाएगा।

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