Who is Kash Patel : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर समर्थक माने जाने वाले भारतीय-अमेरिकी काश पटेल ने शुक्रवार को अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के नए निदेशक के रूप में शपथ ली। भगवान शिव और हनुमान के भक्त काश पटेल की नियुक्ति को लेकर अमेरिकी सीनेट में जबरदस्त बहस हुई थी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी, जिसे अमेरिकी सीनेट में मतदान के बाद अंतिम स्वीकृति मिली। इस बीच पटेल के राम मंदिर को लेकर दिए गए बयानों की भी चर्चा हो रही है, जिसमें उन्होंने पश्चिमी मीडिया की जमकर आलोचना की थी।
खबरों के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर समर्थक माने जाने वाले भारतीय-अमेरिकी काश पटेल का पूरा नाम कश्यप प्रमोद विनोद पटेल है। उनका जन्म 25 फरवरी 1980 को न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में एक गुजराती परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता 1970 के दशक में यूगांडा से कनाडा और फिर अमेरिका में आकर बस गए।
भारतीय-अमेरिकी काश पटेल ने 21 फरवरी, 2025 को पवित्र हिंदू ग्रंथ भगवद गीता पर अपना हाथ रखकर अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के नौवें डायरेक्टर के रूप में शपथ ली। पटेल ने इसे अपने जीवन का सबसे बड़ा सम्मान बताया।
इस बीच पटेल के राम मंदिर को लेकर दिए गए बयानों की भी चर्चा हो रही है, जिसमें उन्होंने पश्चिमी मीडिया की जमकर आलोचना की थी। काश पटेल की नियुक्ति को लेकर ट्रंप ने कहा कि काश ने मेरे पहले कार्यकाल के दौरान शानदार काम किया। पटेल ने एक साक्षात्कार में कहा था, हम गुजराती हैं।
साल 1980 में न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में जन्में काश पटेल ने कानून की पढ़ाई की। पटेल (44) ने 2017 में तत्कालीन ट्रंप प्रशासन के अंतिम कुछ हफ्तों में अमेरिका के कार्यवाहक रक्षामंत्री के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम किया था। उन्होंने ISIS, अल-बगदादी और कासिम अल-रिमी जैसे अलकायदा नेताओं को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी।