डॉक्टरों के एक संगठन ने रविवार को बताया कि हिंसा में कम से कम 670 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। इस संघर्ष से लोकतंत्र बहाल करने की उम्मीदों को एक बार फिर झटका लगा है। संगठन के मुताबिक, रविवार को 5 आम लोगों की मौत हो गई, जबकि 78 लोग घायल हुए। राजधानी खार्तूम, नजदीक के ओमदुरमन एवं अन्य स्थानों पर रविवार को भीषण लड़ाई जारी रही, जिसमें बख्तरबंद वाहनों, लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया। सेना और उसके पूर्व साझेदार तथा अब प्रतिद्वंद्वी रैपिड सपोर्ट फोर्स समूह (आरएसएफ) के बीच महीनों के तनाव के बाद संघर्ष हुआ है।
न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार डॉक्टरों के संघ ने सोमवार तड़के कहा कि सूडान की नियमित सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच भीषण लड़ाई में मरने वालों की संख्या कम से कम 97 हो गई है। दोनों पक्षों ने राजधानी खार्तूम में प्रमुख स्थलों को नियंत्रित करने का दावा किया है। आम लोगों ने विस्फोटों से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रखी है। इससे पहले रविवार को दोनों पक्षों ने घायलों को निकालने की अनुमति देने के लिए एक अस्थायी युद्धविराम किया। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि वे कितनी सख्ती से इस बात पर टिके रहे।
डॉक्टरों ने कहा है कि खार्तूम के अस्पतालों में हालात बेहद कठिन हैं, और यह लड़ाई कर्मचारियों और चिकित्सा आपूर्ति दोनों को घायल लोगों तक पहुंचने से रोक रही है। इस संघर्ष के केंद्र में दो व्यक्ति इस बात पर असहमत हैं कि देश को नागरिक शासन में कैसे परिवर्तन करना चाहिए। साल 2019 में लंबे समय से सत्ता में रहे राष्ट्रपति उमर अल-बशीर का तख्तापलट करने के बाद से सूडान को सेना के जनरलों द्वारा चलाया जा रहा है।