दरअसल, एक पत्रकार ने सवाल पूछा था कि क्या भारत और चीन यूक्रेन युद्ध में योगदान दे रहे हैं? इस पर जेलेंस्की ने कहा- नहीं, भारत ज़्यादातर हमारे साथ है। हालांकि ऊर्जा को लेकर कुछ चुनौतियां हैं पर उनको संभाला जा सकता है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि यूरोप को भारत से मजबूत रिश्ते बनाने होंगे। हमें भारत से दूर नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा- भारत और चीन रूस से तेल खरीदकर उसे यूक्रेन के खिलाफ युद्ध जारी रखने के लिए पैसा मुहैया करा रहे हैं। उनका यह भी मानना है कि इन देशों द्वारा रूसी तेल की बड़े पैमाने पर खरीद से रूस की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है, जिससे उसे युद्ध के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन मिल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि NATO के कुछ सदस्य देश भी रूसी ऊर्जा उत्पादों की खरीद जारी रखे हुए हैं, जो कि शर्मनाक है।