वॉशिंगटन। अमेरिका के मनमोहन सिंह के खिलाफ यहां एक अदालत में अमेरिकी सिख संगठन की ओर से दायर कथित मानवाधिकार उल्लंघन मामले में प्रधानमंत्री के नाते उन्हें छूट देने की बात कही थी, लेकिन संगठन ने ताजा याचिका दायर कर कहा है कि अब यह प्रावधान लागू नहीं होता।
सोमवार को अदालत में दायर ताजा याचिका में सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने दलील दी कि मनमोहन सिंह अब प्रधानमंत्री नहीं हैं, ऐसे में अब उन पर छूट का उपबंध लागू नहीं होता।
पिछले वर्ष सितंबर में जब सिंह ने राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलने के लिए अमेरिका का दौरा किया था तब एसएफजे ने उनके खिलाफ कथित मानवाधिकार उल्लंघन का मामला दायर किया था।
अदालत ने बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री के खिलाफ समन जारी किया था। इस वर्ष 2 मई को जब मनमोहन प्रधानमंत्री थे तब अमेरिका के न्याय विभाग ने अदालत को बताया था कि शासनाध्यक्ष होने के नाते उन्हें मुकदमे से छूट प्राप्त है।
न्याय विभाग ने इस संबंध में भारत सरकार के आग्रह पर विदेश विभाग का पत्र भी संलग्न किया। 15 अप्रैल को न्याय विभाग को लिखे पत्र में मुख्य उप विधि सलाहकार मैटी ई मैक्लियोड ने कहा, विदेश विभाग प्रधानमंत्री सिंह को सरकार के मुखिया के तौर पर अमेरिका की जिला अदालत में मुकदमे से छूट की अनुमति देता है।
विदेश विभाग ने कहा था, उनके भारत सरकार के प्रमुख के मौजूदा दर्जे के परिप्रेक्ष्य में भारत ने विदेश विभाग से इस संबंध में जरूरी पहल करने और शासनाध्यक्ष के नाते उन्हें प्राप्त छूट के चलते उनके खिलाफ कार्रवाई खारिज करने का आग्रह किया है।
न्याय विभाग ने 2 मई को अदालत के समक्ष हलफनामे में कहा कि सिंह को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अमेरिका में छूट प्राप्त है। (भाषा)