कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बुधवार को कहा कि भावनाओं के बल पर युद्ध नहीं जीता जा सकता और पूछा कि क्या सरकार ने भावनात्मक लाभ के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम चुना है। चव्हाण ने यह भी कहा कि सरकार को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने के बाद सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए लोगों के साथ नियमित रूप से विवरण साझा करना चाहिए।
"ऑपरेशन सिंदूर" के नाम पर टिप्पणी करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि युद्ध बंदूकों, विमानों और बमों का इस्तेमाल करके लड़ा जाता है, न कि प्रतीकात्मकता या भावनाओं के जरिए। उन्होंने पीटीआई वीडियो से कहा कि सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं और झूठे एजेंडे के प्रसार से बचने के लिए सरकार को लोगों के साथ नियमित रूप से विवरण साझा करना चाहिए।" जब उनसे "ऑपरेशन सिंदूर" के कोड नाम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार ने सोचा होगा कि उन्हें कुछ "भावनात्मक लाभ" मिलेगा।
उन्होंने कहा कि युद्ध बम, बंदूक और विमानों से लड़ा जाता है, न कि प्रतीकात्मकता या दिखावटी कार्यों से। अभियान के नाम से युद्ध नहीं जीता जा सकता। अभियान का नाम ठीक है...भारत सरकार ने सोचा होगा कि अभियान को यह नाम (सिंदूर) देने से उन्हें कुछ भावनात्मक लाभ मिल सकता है।"
चव्हाण ने कहा कि अभियान के नाम मायने नहीं रखते, अंततः आपको पाकिस्तान जाना होगा और दिखाना होगा कि आपने आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया है। उन्होंने ने सशस्त्र बलों द्वारा चलाए गए अभियान पर दो महिला रक्षा अधिकारियों की ओर से मीडिया को जानकारी देने का स्वागत किया।
जब उन्हें याद दिलाया गया कि कुछ विपक्षी दलों ने अतीत में हवाई हमले का सबूत मांगा था, तो चव्हाण ने कहा, "क्योंकि दुनिया को आपके किसी भी कार्य का सबूत चाहिए होता है, उसे ठोस सबूत की जरूरत होती है। भाषा Edited by: Sudhir Sharma