who is colonel sophia qureshi: कश्मीर में 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले का भारत ने ऑपेरशन सिन्दूर के जरिए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। इस ऑपरेशन को भारतीय वायु सेना, भारतीय सेना और भारतीय नौसेना तीनों ने मिलकर अंजाम दिया। भारतीय सेना की तरफ से आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हमले के बारे में जानकारी दी गई। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस ब्रीफिंग में एयरस्ट्राइक के बारे जानकारी दी है। आइये आपको बताते हैं देश की इस जाबांज अधिकारी के बारे में और जानते हैं भारतीय सेना में उनका अब तक का सफर कैसा रहा है।
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी
कर्नल सोफिया कुरैशी आर्मी बैकग्राउंड से आती हैं, उनके दादा भी सेना में थे। उनके पति मेकेनाइज्ड इन्फेंट्री में आर्मी ऑफिसर हैं। वर्तमान में देश की सेवा कर रही सोफिया भारतीय सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के अंतर्गत 1999 में शामिल हुईं थीं।
जन्म और शिक्षा :
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी का जन्म 1981 में गुजरात के वडोदरा शहर में हुआ। उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी काफी मजबूत रही है। उन्होंने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है। लेकिन शिक्षा के क्षेत्र से निकलकर उन्होंने देश सेवा का कठिन मार्ग चुना और 1999 में भारतीय सेना में शामिल हुईं। यह वह वर्ष था जब उन्होंने चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से अपना कठोर प्रशिक्षण पूरा किया और लेफ्टिनेंट के रूप में सेना में कमीशन प्राप्त किया।
सेना में अपनी एंट्री के बाद से ही सोफिया ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा और पेशेवर रवैये का परिचय दिया। वर्ष 2006 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन के तहत कांगो में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में सेवा करने का अवसर मिला। एक अशांत क्षेत्र में शांति स्थापित करने के चुनौतीपूर्ण कार्य में उन्होंने अपनी कुशलता और साहस का परिचय दिया, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी पहचान बनी।
2016 में भी सुर्ख़ियों में थीं लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम 2016 में तब राष्ट्रीय स्तर पर सुर्ख़ियों में आया, जब उन्होंने एक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय दल की अगुवाई की। एक्सरसाइज फोर्स 18 नामक यह अभ्यास, भारत द्वारा आयोजित अब तक का सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास था।
इस अभ्यास में 18 देशों के सैन्य दलों ने भाग लिया था, और सोफिया कुरैशी इन सभी दलों में एकमात्र महिला अधिकारी थीं। 40 सदस्यीय भारतीय दल का नेतृत्व करना एक बड़ी जिम्मेदारी थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। उस समय वह भारतीय सेना की सिग्नल कोर की एक महत्वपूर्ण अधिकारी थीं।
'ऑपरेशन सिंदूर' में लेफ्टिनेंट सोफिया कुरैशी की सक्रिय भागीदारी ने उनके सेवाकाल में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ दिया है। इसमें उनकी उपस्थिति और भूमिका उनकी उच्च क्षमता और सेना में उनके महत्वपूर्ण स्थान को दर्शाती है। लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी न केवल एक कुशल सैन्य अधिकारी हैं, बल्कि वे लाखों भारतीय महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत भी हैं।