ऐसा माना जाता था कि समुद्र की तलहटी में फंसे कार्बन के यौगिक मिथेन की वजह से ही पृथ्वी गर्म हुई होगी।
अब एक नए शोध के परिणाम में यह बात सामने आई है कि पुरातन काल में चलने वाली गर्म हवाओं के लिए पृथ्वी की कक्षा के चक्रों को जिम्मेदार माना गया है। इन्हीं गर्म हवाओं के कारण पृथ्वी के तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हुई थी।
चट्टानों में संरक्षित रासायनिक संकेतों के आधार पर शोधकर्ताओं ने पाया है कि करीब 5.5 करोड़ वर्ष पहले पृथ्वी पर बहुत तेज गर्म हवाएं टकराई थीं, जिससे ग्रह के तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो गई थी। उसके बाद कम गर्म हवाओं के आने से तापमान में बाद में कमी भी आई।
‘लाइवसाइंस’ की खबर के मुताबिक वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी की कक्षा के चक्रों द्वारा ध्रुवों के निकट के क्षेत्र के गर्म होने के कारण ‘पेरमाफ्रॉस्ट’ के पिघलने से बड़ी मात्रा में ग्रीनहाउस गैस जमा हुई। पेरमाफ्रॉस्ट ऐसी जमी हुई मिट्टी है, जिसमें बड़ी मात्रा में जैविक पदार्थ शामिल होते हैं।
उन्होंने बताया कि इसके पिघलने से वातावरण में बड़ी मात्रा में कार्बन का उत्सर्जन हुआ, जिसने परावर्तित होने वाली सूर्य की रोशनी को रोका और गर्म हवाएं पैदा कीं। (भाषा)