पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने 16 साल के अंतराल के बाद उन आरोपों की जांच खोल दी है, जिनके तहत कहा गया था कि सेना ने चुनाव को प्रभावित करने के लिए नेताओं को धन मुहैया कराया था।
यह मामला सुप्रीम कोर्ट की शक्तियों के उभरने को प्रदर्शित करता है, जो प्रधानमंत्री के खिलाफ भी अवमानना के मामले की सुनवाई कर रहा है।
गौरतलब है कि गुरुवार को सरकारी बैंक मेहरान के 90 साल के बैंकर यूनुस हबीब ने गवाही दी कि उन्होंने तत्कालीन सेना जनरल असलम बेग और सेना के करीबी माने जाने वाले राष्ट्रपति गुलाम इशाक खान के आदेश पर नेताओं और आईएसआई अधिकारियों को करीब 15 लाख डॉलर मुहैया कराए थे। (भाषा)