प्रशासकों की समिति (सीओए) के फैसले की जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया, ‘मीडिया में आई कुछ खबरों के विपरीत बीसीसीआई की नीति में कोई बदलाव नहीं है। सौरव गांगुली के मामले की तरह अगर तेंदुलकर और लक्ष्मण भी गवाही के लिए नैतिक अधकिारी के समक्ष पेश होते हैं तो राहुल और कानूनी टीम वहां रहेगी। निश्चित तौर पर इस मामले में बीसीसीआई पक्ष है।
उन्होंने कहा, आपकी सूचना के लिए बता दूं कि एस श्रीसंत के मामले में सुनवाई थी तो बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व सीईओ ने किया। इस मामले में लोकपाल ने बीसीसीआई को लिखा है तो बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व नहीं होने का सवाल ही नहीं उठता।