नई दिल्ली। इंग्लैंड के विश्व कप विजेता कप्तान इयोन मोर्गन का मानना है कि अगर कोई टीम महानता हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ती है तो वहां ‘कप्तानी के तमगे’ के बिना भी खिलाड़ी अहम भूमिका निभाते हैं। दिनेश कार्तिक के नेतृत्व वाली कोलकाता नाइटराइडर्स टीम के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक हैं मोर्गन। उन्हें लगता है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पहले तीन सप्ताह में इस तरह के प्रबंधन ने अच्छा काम किया है।
मोर्गन ने कहा, हमारी टीम में नेतृत्व करने वाले कई वरिष्ठ खिलाड़ी हैं लेकिन उनके पास यह तमगा नहीं है।उनसे जब पूछा गया कि एक सफल अंतरराष्ट्रीय कप्तान के तौर पर क्या वे स्वेच्छा से अपने कप्तान (दिनेश कार्तिक) को सुझाव देते हैं या फिर मदद मांगे जाने का इंतजार करते हैं।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वे अब तक वास्तव में अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। मेरा मानना है कि डीके (कार्तिक) और ब्रेंडन मैकुलम टीम का बहुत अच्छी तरह से नेतृत्व करते हैं।उन्होंने कहा, टीम के अंदर भी यह एक महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि जब कप्तान, कोच और उप-कप्तान के अलावा अन्य वरिष्ठ खिलाड़ी नेतृत्व या निर्णय लेते हैं, तो इससे टीम के बाकी सदस्यों को स्पष्ट संदेश जाता है।केकेआर की टीम छह अंक के साथ तालिका में चौथे स्थान पर है।
आयरलैंड के मोर्गन ने खुद को सबसे सम्मानित कप्तानों में एक के तौर पर स्थापित किया है। वह उस विश्व विजेता टीम के कप्तान हैं जिसमें संस्कृति के तौर पर सबसे ज्यादा विविधता है। उन्हें इस बात की खुशी है कि आईपीएल ड्रेसिंग रूम विभिन्न पृष्ठभूमि, विभिन्न भाषाओं के खिलाड़ियों के साथ लाता है, जिससे शानदार यादें बनती हैं।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि खेल हमेशा क्षणिक होता है लेकिन जब आप खेल रहे होते हैं तो आप जिस भाषा में बोलते हैं वह हमेशा आपके साथ रहता है।उन्होंने कहा, ड्रेसिंग रूम में लोगों को क्रिकेट के बारे में अलग-अलग भाषाओं में बात करते देखना दिलचस्प है और जिन लोगों को उस भाषा के बारे में पता नहीं है वे भी बातचीत के अंश को समझ लेते हैं।कई अन्य लोगों की तरह, 34 साल के मोर्गन ने भी इस बात पर सहमति जताई कि फ्रैंचाइजी क्रिकेट के विकास ने विभिन्न क्षेत्रों के खिलाड़ियों को एक साथ लाने में अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा, फ्रेंचाइजी क्रिकेट के विकास से अलग-अलग संस्कृति और अलग-अलग भाषाओं को एक साथ ले आया है जिससे घुलने-मिलने में आसानी होती है।उन्होंने कहा कि सात-आठ साल पहले की तुलना में इस प्रारूप में अब इंग्लैंड के खिलाड़ियों की मांग बढ़ी है।
उन्होंने कहा, मैं कई सत्रों तक आईपीएल नहीं खेला और मेरा मानना है कि सात-आठ साल पहले की तुलना में अब ज्यादा खिलाड़ी इसके लिए आ रहे हैं। इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करने वाले कई खिलाड़ियों की मांग काफी अधिक है। जोस बटलर, बेन स्टोक्स और जोफ्रा आर्चर के पास सबसे उपयोगी खिलाड़ी बनने का मौका है।(भाषा)