दुबई। इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) में निराशाजनक शुरूआत से चिंतित चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) रविवार को किंग्स इलेवन पंजाब (Kings XI Punjab) के खिलाफ होने वाली भिड़ंत में अपनी मुश्किल परिस्थितियों के जवाब ढूंढने को बेताब होगी। पिछले चरणों में अपने खेल में शीर्ष पर रहने की आदी टीम 4 मैचों में 3 हार से अब अंक तालिका में निचले स्थान पर है और महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की अगुआई वाली टीम के लिए यह बिलकुल ही अलग स्थिति है।
अच्छे खिलाड़ियों के बावजूद टीम के लिए कुछ भी कारगर नहीं हो रहा। उसने शुक्रवार को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मैच में अंतिम एकादश में तीन बदलाव किए, अंबाती रायुडू की वापसी और ड्वेन ब्रोवा की मौजूदगी भी टीम को जीत नहीं दिला सकी। फाफ डु प्लेसिस को छोड़कर शीर्ष क्रम के नहीं चलने और मध्य के ओवरों में धीमी रन गति तथा मैच के अंत के लिए ज्यादा रन छोड़ने की आदत के कारण उन्हें लगातार तीन शिकस्त झेलनी पड़ी।
टीम में वापसी करने की कूव्वत है लेकिन क्षेत्ररक्षण, गेंदबाजी और बल्लेबाजी सभी विभाग में एक साथ बेहतरीन होगा। जब नतीजे टीम के हक में आते हैं तो बहुत सारी कमजोरियां ढंक जाती हैं लेकिन जब ऐसा नहीं होता तो छोटी-छोटी चीजें भी साफ दिखने लगती हैं। तीसरी हार के बाद धोनी के चेहरे पर यह बेताबी साफ पढ़ी जा सकती थी।
उन्होंने कहा, काफी लंबे समय पहले एक बार हमने लगातार तीन मैच गंवाए थे। हमें काफी चीजें सही करने की जरूरत है। यही पेशेवर रवैया होता है। हमें कैच लपकने होंगे, नो-बॉल नहीं डालनी होंगी। इन चीजों को नियंत्रित किया जा सकता है और शायद हम ज्यादा ही ‘रिलैक्स’ हो रहे हैं। चेन्नई को जरूरत होगी कि उसके शीर्ष क्रम का एक बल्लेबाज बोर्ड पर रन जुटाए और साथ ही मध्य ओवरों के रन रेट का भी ध्यान रखा जाए। अगर ऐसा होता है तो धोनी को पकड़ बनाने में मदद मिलेगी।
धोनी ने शुरुआती मैचों में काफी दबाव में बल्लेबाजी की है और अपार उम्मीदों के कारण उनकी और उनकी टीम की विफलता ज्यादा ही बुरी दिख रही है। अगर टीम मध्य के ओवरों में काफी रन जुटा लेती है तो इससे धोनी और निचले क्रम के दूसरे बल्लेबाज को थोड़ी मदद मिलेगी।
लेकिन यह काम इतना आसान नहीं होगा क्योंकि वे उस टीम के खिलाफ होंगे जो शानदार बल्लेबाजी कर रही हैं, हालांकि नतीजे उनके पक्ष में नहीं रहे। किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान लोकेश राहुल और मयंक अग्रवाल शानदार फार्म में हैं।
पंजाब की टीम दो बार 200 से ज्यादा रन बनाने के बावजूद अपने सीमित गेंदबाजों के कारण इसमें हार चुकी है। मोहम्मद शमी के अलावा विपक्षी टीम के बल्लेबाजों को रोकने में कोई अन्य गेंदबाज सफल नहीं रहा। चेन्नई सुपर किंग्स को इसी का फायदा उठाने की कोशिश करनी चाहिए और उन्हें पंजाब के शीर्ष क्रम को जल्दी समेटना चाहिए।