नई दिल्ली। फिक्सिंग को लेकर लगे प्रतिबंध से मुक्त हो गए भारतीय तेज गेंदबाज शांतकुमारन श्रीसंत (Shantakumaran Sreesanth) का कहना है कि इस मुश्किल समय के दौरान इरफान पठान (Irfan Pathan), वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) और लक्ष्मीरत्न बालाजी (Laxmiratna Balaji) ने उनका साथ दिया था।
श्रीसंत आक्रामक गेंदबाज के रूप में जाने जाते हैं जिसके कारण उनके करियर में उन्हें कई बार विवादों का सामना करना पड़ा है, लेकिन आईपीएल के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में घिरने के बाद उनका करियर ठप पड़ गया तथा उन पर सात साल का प्रतिबंध लगाया गया था। उन पर लगे प्रतिबंध को हाल ही में हटाया गया है। श्रीसंत ने क्रैगबज के ऑनलाइन शो स्पोर्ट्ज ओ क्लॉक में इस तमाम घटनाक्रम और खेल के अपने अनुभवों को साझा किया।
अपने कठिन दौर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इरफ़ान पठान, वीरेंद्र सहवाग और लक्ष्मीपति बालाजी जैसे कुछ क्रिकेटरों ने उस समय उनका साथ दिया था लेकिन अन्य क्रिकेटरों ने इसके बाद उनसे दूरी बना ली थी। श्रीसंत ने बताया कि ढाई साल के बाद क्लीन चिट मिलने पर जो लोग उनका समर्थन नहीं कर रहे थे, वे भी अब उनकी जिंदगी में वापस आने की कोशिश कर रहे हैं और वह खुले दिल से इन सभी लोगों का स्वागत करेंगे।
उन्होंने कहा कि बचपन में वह अनिल कुंबले के प्रशंसक थे और टेनिस गेंद के साथ क्रिकेट खेला करते थे। उन्होंने बताया कि वह अभी भी टेनिस गेंद से अभ्यास करना पसंद करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे आपको मजबूती मिलती है। श्रीसंत ने कहा कि स्थानीय टूर्नामेंट में खेलने से हिम्मत बढ़ती है। उन्होंने तमिलनाडु के खिलाफ अपने पहले अंडर-19 मुकाबले को भी याद किया।
भारतीय टीम में चयन होने की खबर पर तेज गेंदबाज ने खुलासा करते हुए कहा कि कोच ने इशारों में उनसे कहा था कि लिस्ट देखकर ज्यादा उत्साहित मत होना। श्रीसंत पहली बार इंडिया बी की तरफ से चैलेंजर ट्रॉफी में खेले थे, जहां वे मैन ऑफ द सीरीज रहे थे। श्रीसंत से जब पूछा गया कि वह इतने आक्रामक क्यों हैं, इस पर उन्होंने कहा कि आक्रामकता उनके व्यवहार में है और वह शुरुआत से ही ऐसे हैं।
इसके अलावा श्रीसंत को गेंद डालने के बाद पिच पर चलते हुए अपने आप से बात करने की आदत है। इस पर उन्होंने कहा कि इससे उनका मनोबल बढ़ता है और अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिलती है। तेज गेंदबाज को किसी ने आक्रामकता कम करने के लिए योग करने की सलाह दी थी, उन्होंने कहा कि वह इसके लिए ध्यान लगाते हैं। श्रीसंत ने कहा कि जिस व्यक्ति ने उन्हें इसकी सलाह दी है उसे भी खुद योग करना चाहिए।
महेंद्र सिंह धोनी के लिए श्रीसंत ने कहा कि उन्होंने धोनी को पहली बार धर्मशाला में मैच के दौरान देखा था। श्रीसंत ने हालांकि इरफ़ान पठान की सराहना की। उन्होंने कहा कि पठान एमआरएफ पेस फाउंडेशन के दिनों से काफी सहायता करते थे। श्रीसंत ने जब राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना शुरु किया था, उस वक्त पठान ने टीम के साथ मेलजोल बढ़ाने के लिए उनकी मदद की थी।
टीम में अपनी वापसी को लेकर उन्होंने कहा कि वह कई बार इसकी कोशिश कर चुके हैं और अगली कोशिश के लिए तैयार हैं। श्रीसंत उस टीम का हिस्सा थे जब युवराज सिंह ने 2007 टी-20 विश्वकप में इंग्लैंड के खिलाफ छह गेंदों में छह छक्के जड़े थे।
उन्होंने कहा कि जब युवराज ने चौथा छक्का जड़ा तब उन्हें लगा था कि युवराज छह छक्के मार सकते हैं। उन्होंने कहा कि उस समय माहौल ऐसा था कि क्या युवराज ऐसा कर पाएंगे। श्रीसंत ने कहा कि क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के साथ विश्वकप खेलना उनके लिए काफी सुखद था।(वार्ता)
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