शिखर धवन को लेकर बीसीसीआई की कई शिकायतें रही। उन्हें सिर्फ बी टीम यानि कि दूसरे दर्जे की टीम का कप्तान बनाए रखा। बांग्लादेश सीरीज में तीनों ही मैचों में सस्ते में आउट होने के बाद बोर्ड ने उनसे अघोषित रूप से हर प्रारुप में नमस्ते कर ली लेकिन आईपीएल में शिखर धवन ने एक धुंआधार पारी खेलकर वापस अपनी महत्ता बता दी। धवन ने चहल पर लगातार दो चौकों के साथ 36 गेंद में 48वां आईपीएल अर्धशतक बनाया। उनके नाम पर आईपीएल में 50 रन से अधिक के 50 स्कोर हो गए। वह डेविड वार्नर और विराट कोहली के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले सिर्फ तीसरे खिलाड़ी हैं।
पंजाब ने धवन (56 गेंद में 86 रन, नौ चौके, तीन छक्के) और प्रभसिमरन (34 गेंद में 60 रन, सात चौके, तीन छक्के) के बीच पहले विकेट की 90 रन की साझेदारी से चार विकेट पर 197 रन बनाए। धवन ने जितेश शर्मा (27) के साथ भी दूसरे विकेट के लिए 66 रन जोड़े।
धवन ने अपने पिछले नौ वनडे में से आठ में बुरी तरह संघर्ष किया था। दिल्ली का यह बाएं हाथ का बल्लेबाज पावर प्ले के ओवरों में धीमी बल्लेबाजी कर रहा थाजो टीम के लिए हानिकारक साबित हो रहा था।धवन के साथ सबसे बड़ी समस्या यह आ रही थी कि वह पारी की शुरुआत में तेजी से रन नहीं बना पा रहे है। 2019 विश्व कप से पहले उनका स्ट्राइक रेट 100 से अधिक का हुआ करता था जबकि 2022 में उनका स्ट्राइक रेट 75 का था बांग्लादेश से हुई सीरीज में वह एक भी बार दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाए थे।
ऐसे खिलाड़ी को बाहर करना आसान नहीं था जिसने 167 एकदिवसीय मैच खेले हैं। वह मौजूदा टीम में रोहित (9454) और विराट कोहली (12471) के बाद भारत के तीसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी है। उनके नाम इस प्रारूप में 6793 रन दर्ज हैं।उन्होंने पिछले दो वर्षों में वनडे में लगभग 1000 रन बनाए हैं। पिछले दो वर्षों में वह केवल इसी प्रारूप में खेले हैं।
3 साल से कर रहे थे शतक का इंतजार
शिखर धवन ने इस फ़ॉर्मेट में आख़िरी बार शतक बनाया था तब से अब तक 29 पारियां हो चुकी हैं। विराट कोहली की तरह शिखर धवन का भी आखिरी शतक साल 2019 में आया था, लेकिन इस साल कोहली ने शतकों का इंतजार पूरा किया और टी-20 में पहला शतक भी बनाया, लेकिन धवन बस इंतजार ही करते रह गए।विश्वकप 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शिखर धवन ने शतक लगाया था। पिछले साल श्रीलंका के खिलाफ जब धवन को कप्तानी मिली थी तो वह 98 रनों पर आउट हो गए थे।