सावधान, कहीं आपका मोबाइल न बन जाए बम...

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मोबाइल फटने की घटना दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। नए एप्लीकेशन और ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ आते मोबाइल से उनकी बैटरी पॉवर भी बढ़ती जा रही है।

पहले तक मोबाइल के रेडिएशन ही खतरनाक थे, लेकिन नए मोबाइल में बैटरी पॉवर बढ़ने से वे भी किसी बम की तरह हो गए हैं।

ताजा घटना में मध्यप्रदेश के देवास में एक बच्चे की हथेली पर मोबाइल बम जैसा फट गया। इससे उसकी हथेली और आंख में भी चो‍ट लग गई।

क्यों बन रह रहे हैं मोबाइल बम...


विशेषज्ञों के अनुसार पहले करीब चार सौ एम्पीयर की बैटरी होती थी, अब करीब चार हजार एम्पीयर तक की बैटरियां मोबाइल में आती हैं। लोकल मोबाइल चार्जर में एक प्लेट होती है, वह हाई स्पीड से चार्ज करती हैं।

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मोबाइल चार्ज करते समय चार्जर तो गर्म होते हैं। ये बैटरी को भी गर्म कर देते हैं। चार्ज करते समय अगर मोबाइल से छेड़छाड़ ‍की जाती है तो बैटरी में शॉर्ट शर्किट हो जाता है, जिससे मोबाइल बम की तरह फटता है।

अगले पन्ने पर, रखें ये सावधानियां नहीं तो महंगा पड़ेगा...


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- मोबाइल चार्ज पर लगाएं तो ‍न तो कॉल रिसीव करें और न कॉल लगाएं।

- मोबाइल पर किसी प्रकार का एप्लीकेशन न चलाएं और न वीडियो गेम खेलें।

- बैटरी को पूरा चार्ज न करें, 10 से 10 प्रतिशत की गुंजाइश हमेशा रखें।

- कुछ लोग रात से लेकर सुबह तक बैटरी चार्ज करते हैं, ऐसी प्रवृत्ति से बचें।

- मोबाइल को सोते समय साथ न रखें, बैटरी ही नहीं, इससे निकलने वाली तरंगें भी मानव शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं।

- जिस कंपनी का मोबाइल है, उसी कंपनी के चार्जर का प्रयोग करें।

- जिस कंपनी का मोबाइल हो, उसी कंपनी की बैटरी का प्रयोग करें। सस्ती बैटरी के चक्कर में अपने जीवन को दांव पर न लगाएं।

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