थ्रीडी प्रिंटर से बनाया लाउडस्पीकर

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ह्यूस्टन। अब एक ऐसा थ्रीडी प्रिंटर आ गया है, जिसमें किसी भी प्लास्टिक वस्तु का प्रिंट देंगे और उसमें से वह प्रोडक्ट निकल आएगा।

हैरान न हों, कॉर्नेल विश्वविद्यालय में एक भारतीय-अमेरिकी ने लाउडस्पीकर बनाने के लिए थ्रीडी प्रिंटिंग का इस्तेमाल किया है। यह लाउडस्पीकर जैसे ही प्रिंटर से बाहर आता है, यह काम करना शुरू कर देता है।

अपूर्व किरण और रॉबर्ट मैककर्डी दोनों ही मैकेनिकल इंजीनियरिंग के स्नातक छात्र हैं। इन दोनों ने मैकेनिकल एंड एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के असोसिएट प्रोफेसर होड लिप्सन के साथ मिलकर एक ऐसा उपकरण बनाने पर काम किया, जो कई तरह की चीजों को प्रिंट कर सकता है।

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यह लाउडस्पीकर प्लास्टिक के बने हैं। इसमें सुचालक कुंडली और चुंबक लगा है। शोधकर्ताओं को यह पता लगाना था कि चीजों को कैसे डिजाइन किया जाए और प्रिंट किया जाए, ताकि वे सही ढंग से फिट हो सकें और काम कर सकें।

मूलत: बिहार के रहने वाले किरण ने कहा कि सब कुछ थ्री डी प्रिंट होता है। उन्होंने हाल ही में प्रिंट किए गए मिनी स्पीकर को एंप्लीफायर तारों से जोड़कर उसका प्रदर्शन किया। कॉर्नेल में शोध के लिए आने से पहले अपूर्व एक द्रव्य वैज्ञानिक, भौतिकविज्ञानी और मैकेनिकल इंजीनियर रहे हैं।

उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान-बैंगलूर से एमएससी की डिग्री ली है। उन्होंने मैटलर्जीकल एंड मैटीरियल्स इंजीनियरिंग एंड फिजिक्स में बीटेक की डिग्री भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- मद्रास से ली थी।

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लिप्सन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह ‘शुरूआत भर है।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि थ्री डी प्रिंटिंग तकनीक से निष्क्रिय हिस्सों के बजाय सक्रिय और समग्र सिस्टम भी प्रिंट किए जा सकते हैं। लिप्सन ने कहा, ‘इसके बाद ही उपभोक्ता घर पर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रिंट कर सकेंगे।’

उन्होंने यह भी कहा कि बहुत से प्रिंटर सही ढंग से बहुत से पदाथरें के साथ काम नहीं कर पाते क्योंकि उनके लिए अलग-अलग तापमान और समय चाहिए होता है। प्रिंटेड इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए बाजार बनाने के बारे में लिप्सन ने कहा कि यह कुछ ऐसा ही हो सकेगा, जैसे ब्लैक एंड व्हाइट प्रिंटर के मौजूद होने के बाद रंगीन प्रिंटर लाया गया था। (भाषा)

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