हैकरों का दावा, Mobikwik के 9.9 करोड़ भारतीय यूजर्स का डेटा उड़ाया, कंपनी ने दिया बड़ा बयान

बुधवार, 31 मार्च 2021 (18:06 IST)
नई दिल्ली। हैकरों ने दावा किया है कि उन्होंने मोबिक्विक के 9.9 करोड़ भारतीय यूजर्स के डेटा उड़ा लिया है। इनमें इन लोगों के मोबाइल फोन नंबर, बैंक खाते का ब्योरा, ई-मेल और क्रेडिट कार्ड नंबर शामिल हैं। हालांकि भुगतान कंपनी ने इसका जोरदार खंडन किया है। साइबर सुरक्षा विश्लेषक राजशेखर राजहरिया ने इस डेटा लीक का खुलासा किया है।
ALSO READ: New Wage Code : 1 अप्रैल से नहीं बदलेगा आपका सैलरी स्ट्रक्चर, केंद्र सरकार लागू नहीं करेगी 4 लेबर कोड्‍स, जानिए कारण
उन्होंने इस बारे में भारतीय रिजर्व बैंक, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम, पीसीआई मानक और भुगतान प्रौद्योगिकी कंपनियों को भी लिखित में सूचित किया है।
 
एक हैकर समूह जॉर्डनेवन ने डाटाबेस का लिंक पीटीआई को भी ई-मेल किया है। इस समूह ने कहा है कि उसका इरादा इस डेटा का इस्तेमाल करने का नहीं है। समूह ने कहा कि उसका इरादा सिर्फ कंपनी से पैसा लेने का है। उसके बाद वह अपनी ओर से इस डेटा को ‘डिलीट’ कर देगा।
 
जॉर्डनेवन ने मोबिक्विक के संस्थापक बिपिन प्रीतसिंह और मोबिक्विक की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) उपासान ताकू का ब्योरा भी डेटाबेस से साझा किया है।
ALSO READ: RBI ने दी राहत, 1 अप्रैल से क्रेडिट/डेबिट कार्ड का ऑटो डेबिट पेमेंट नहीं होगा फेल
संपर्क करने पर मोबिक्विक ने इस दावे का खंडन किया है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि विनिमयन वाली इकाई के रूप में वह डेटा सुरक्षा को काफी गंभीरता से लेती है और मान्य डेटा सुरक्षा कानूनों का पूरी तरह अनुपालन करती है।
 
वहीं हैकर समूह का दावा है कि यह डेटा मोबिक्विक का है। समूह ने मोबिक्विक क्यूआर कोड की कई तस्वीरों के साथ ‘अपने ग्राहक को जानिए’ यानी केवाईसी के लिए इस्तेमाल होने वाले दस्तावेज मसलन आधार और पैन कार्ड भी अपलोड किए हैं।
 
मोबिक्विक ने कहा है कि वह इस बारे में संबंधित अधिकारियों के साथ काम कर रही है। कंपनी ने कहा कि इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए वह तीसरे पक्ष के जरिए फॉरेंसिक डेटा सुरक्षा ऑडिट कराएगी। कंपनी ने कहा कि मोबिक्विक के सभी खाते तथा उनमें राशि पूरी तरह सुरक्षित है।
 
राजहरिया ने कहा कि सरकारी अधिकारियों को इस मामले की तत्काल गहराई से जांच करनी चाहिए, क्योंकि इसका प्रभाव काफी व्यापक हो सकता है और इससे वित्तीय धोखाधड़ी की जा सकती है। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी