इसके बाद यूनाइटेड स्टेट्स एयर फोर्स रेस्क्यू कोआर्डिनेशन सेंटर की तरफ से 5 घंटे तक सर्च ऑपरेशन चला। जहाज की प्राप्त आखिरी लोकेशन के आधार पर रेस्क्यू टीम ने लगभग 13 वॉलिंटियर्स के साथ मिलकर इलाके में सर्च किया। रेस्क्यू टीम को पता चला कि पायलट ने अपनी पत्नी से संपर्क किया था और उन्हें पायलट का फोन नंबर भी मिल गया।
जब उन्हें पायलट का नंबर मिल गया तो रेस्क्यू टीम ने उस फोन पर कॉल किया और उन्हें पता चला कि पायलट की बेटी के पास एक आईपैड था। इसके बाद उन्होंने आईपैड पर सिग्नल्स पिंग किए। एक फोन या फिर टेबलेट पर पिंग करना एक प्रक्रिया है जिसके तहत डिवाइस की लोकेशन को जीपीएस के जरिए जाना जा सकता है। सिग्नल भेजे जाने के बाद उन्होंने इलाके की सर्चिंग शुरू की। लोकेशन मिलने के बाद उन दोनों का पता लगा लिया गया। पिता-पुत्री को मामूली चोटें आई हैं, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बात का भी जांच की जा रही है कि प्लेन कैसे क्रैश हुआ।