साइबर सुरक्षा जांचकर्ताओं ने एक ऐसे सॉफ्टवेयर क्रैश का पता लगाया है जो सरकार, राजनीति, तकनीक और पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने वाले कुछ लोगों के स्मार्टफोन को प्रभावित कर रहा था। सॉफ्टवेयर क्रैश का मतलब है जब कोई प्रोग्राम या ऐप काम करना बंद कर देता है या कोई त्रुटिपूर्ण संदेश दिखाता है।
साइबर हमलावरों ने अपनी पहचान के बारे में कोई सुराग नहीं छोड़ा, लेकिन साइबर सुरक्षा फर्म आईवेरिफाई के जांचकर्ताओं ने पाया कि सभी पीड़ितों में कुछ समानता थी और वे चीन सरकार के हित वाले क्षेत्रों में काम करते थे और अतीत में चीनी साइबर अपराधियों द्वारा निशाना बनाए गए थे।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे पता चलता है कि मोबाइल उपकरण और ऐप कितने असुरक्षित हैं और सुरक्षा संबंधी विफलताओं के कारण संवेदनशील जानकारी उजागर हो सकती है। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एवं गूगल के पूर्व साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और अब आईवेरिफाई के मुख्य परिचालन अधिकारी रॉकी कोल ने कहा कि इस समय दुनिया में मोबाइल सुरक्षा को लेकर खतरा है। Edited by: Sudhir Sharma