सूत्रों के मुताबिक, समिति की ओर से दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों से कहा गया कि वे नए आईटी नियमों, सरकार के दिशानिर्देशों और अदालती आदेशों का पालन करें। फेसबुक और गूगल के अधिकारियों को इस समिति ने समन किया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर इस समिति के अध्यक्ष हैं।
संसदीय समिति की बैठक का एजेंडा नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना और सोशल मीडिया/ऑनलाइन समाचार मीडिया मंचों के दुरुपयोग को रोकना था। सूत्रों के मुताबिक, फेसबुक और गूगल के प्रतिनिधियों से कहा गया है कि उनकी मौजूदा डेटा सुरक्षा एव निजता संबंधी नीति में खामियां हैं और उन्हें अपने उपयोक्ताओं के डेटा की निजता और सुरक्षा के लिए कड़े मानक तय करने होंगे।
सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी यह संसदीय समिति आने वाले हफ्तों में यूट्यूब और दूसरे सोशल मीडिया इकाइयों के प्रतिनिधियों को तलब करेगी। फेसबुक और गूगल के प्रतिनिधियों को बुलाए जाने से पहले टि्वटर के अधिकारियों ने समिति के समक्ष अपनी बात रखी थी। पिछली बैठक में समिति के कई सदस्यों ने टि्वटर से स्पष्ट तौर पर कहा कि उसकी नीतियां नहीं, बल्कि देश का कानून सर्वोच्च है।(भाषा)