सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार विभाग ने सोमवार को वोडाफोन-आइडिया के विलय को मंजूरी दे दी। अंतिम अनुमति के लिए उन्हें कुछ शर्तों का पालन करना होगा। विभाग ने आइडिया सेल्यूलर को वोडाफोन के स्पेक्ट्रम के लिए 3,926 करोड़ रुपए का नकद भुगतान करने और 3,342 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी जमा कराने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि विलय के बाद बनने वाली कंपनी देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनी होगी जिसका मूल्य डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक (23 अरब डॉलर) होगा। नई कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 35% होगी और इसके ग्राहकों की संख्या लगभग 43 करोड़ होगी। इस विलय से कर्ज के बोझ में दबी दोनों दूरसंचार कंपनियों को थोड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि बाजार में प्रतिस्पर्धा कम होगी। दोनों कंपनियों का कुल ऋण करीब 1.15 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। (भाषा)