आरबीआई का यह फैसला 22 जुलाई से लागू होगा। RBI के फैसले के बाद बैंक नए मास्टर कार्ड जारी नहीं कर पाएंगे। हालांकि रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि पुराने मास्टर कार्ड जारी रहेंगे। इसका मतलब हुआ कि उनके डेबिट और क्रेडिट कार्ड पर सभी सर्विस पहले की तरह जारी रहेंगी। आरबीआई के आदेश का मास्टरकार्ड के मौजूदा ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। आरबीआई द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि मास्टरकार्ड डेबिट और क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले सभी बैंकों और गैर-बैंकों को इन निर्देशों का पालन करने की सलाह देगा।
क्या होता है मास्टर कार्ड : आप शॉपिंग करने, एटीएम से कैश निकालने, ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। आपने उन कार्डों पर मास्टर कार्ड, वीजा कार्ड एवं रुपेकार्ड लिखा देखा होगा। ये तीनों कंपनियां है जो एटीएम और क्रेडिट कार्ड जारी करती है। मास्टर कार्ड अमेरिकी कंपनी है। इसका मुख्यालय, न्यूयॉर्क में है।
बैंकों की ओर से जो डेबिट और क्रेडिट कार्ड जारी किए जाते हैं, उसे कंपनियां बनाती हैं। इन्हीं में से एक है- मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक पीटीई लिमिटेड (मास्टरकार्ड)। मास्टरकार्ड एक पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर है, जो पीएसएस अधिनियम (PSS Act) के तहत देश में कार्ड नेटवर्क संचालित करने के लिए अधिकृत है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को Mastercard Asia / Pacific Pte Ltd पर कार्रवाई करते हुए 22 जुलाई से अपने कार्ड नेटवर्क पर नए घरेलू डेबिट, क्रेडिट या प्रीपेड ग्राहकों को शामिल करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
खबरों के मुताबिक काफी समय से कार्ड जारी करने वाली कंपनियों को इस बारे में चेतावनी दी जा रहा थी। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि पर्याप्त अवसर दिए जाने के बावजूद, कंपनी भुगतान प्रणाली डेटा के भंडारण के निर्देशों का अनुपालन नहीं कर रही थी, इसलिए कार्रवाई की गई। आरबीआई ने कहा कि भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस एक्ट) की धारा 17 के तहत आरबीआई में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए कंपनी पर कार्रवाई की गई है।