pan 2.0 project : PAN 2.0 आने से क्या अवैध हो जाएगा पुराना पैन कार्ड

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 26 नवंबर 2024 (18:48 IST)
What is PAN 2.0 project : अब सरकार नया पैनकार्ड लाने जा रही है। इमसें क्यूआर कोड की सुविधा होगी। सरकार ने 1,435 करोड़ रुपए की एक परियोजना को मंजूरी दी है। यह परियोजना ‘स्थायी खाता संख्या’ (PAN) जारी करने की मौजूदा प्रणाली को सुधारने के उद्देश्य से लाई गई है। पैन 2.0 परियोजना का उद्देश्य सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए एक ‘समान व्यवसाय पहचानकर्ता’ तैयार करना है। हालांकि जो आपके पास पैन कार्ड वह अवैध नहीं होगा। 
 
 सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पैन 2.0 परियोजना शुरू होने के बाद भी व्यक्तियों और व्यवसायों के पास मौजूदा पैन वैध रहेगा और उन्हें अपना पुराना नंबर बदलने की कोई जरूरत नहीं होगी।
 
पैन आयकर विभाग की तरफ से जारी होने वाली 10 अंक की एक विशिष्ट संख्या है। इसमें अंकों के साथ अंग्रेजी अक्षरों को भी कूटबद्ध रूप से शामिल किया जाता है। यह संख्या भारतीय करदाताओं को विशिष्ट रूप से जारी की जाती है।
 
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दी गई। इसके लिए 1,435 करोड़ रुपए का वित्तीय परिव्यय किया गया है।
 
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस निर्णय के बारे में संवाददाताओं से कहा कि कारोबारी प्रतिष्ठान पहचान के लिए इस्तेमाल होने वाले तीन-चार अलग पहचानकर्ताओं के बजाय एक ‘समान व्यवसाय पहचानकर्ता’ की मांग कर रहे हैं।
 
यह परियोजना करदाता पंजीकरण सेवाओं के प्रौद्योगिकी-संचालित रूपांतरण को सक्षम बनाती है। इसका उद्देश्य बेहतर गुणवत्ता के साथ पहुंच में आसानी और सेवा का त्वरित वितरण है।
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पैन 2.0 परियोजना के अन्य लाभ में आंकड़ों का एकल स्रोत और उनमें एकरूपता; पर्यावरण-अनुकूल प्रक्रियाएं और लागत अनुकूलन और अधिक चपलता के लिए बुनियादी ढांचे की सुरक्षा एवं अनुकूलन शामिल हैं। पैन में दर्ज व्यक्तिगत आंकड़ों की सुरक्षा के लिए इन आंकड़ों का उपयोग करने वाली सभी संस्थाओं के लिए ‘पैन डेटा वॉल्ट सिस्टम’ अनिवार्य होगा। साथ ही पैन 2.0 के तहत शिकायत निवारण प्रणाली को भी मजबूत किया जाएगा।
 
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, पैन 2.0 परियोजना निर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए सामान्य पहचानकर्ता के रूप में पैन के उपयोग को सक्षम बनाएगी जो डिजिटल इंडिया में निहित सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
 
यह परियोजना करदाताओं के बेहतर डिजिटल अनुभव के लिए पैन/टैन सेवाओं के प्रौद्योगिकी-संचालित रूपांतरण के जरिये करदाता पंजीकरण सेवाओं की व्यावसायिक प्रक्रियाओं को फिर से तैयार करने के लिए लाई गई एक ई-गवर्नेंस परियोजना है।
 
बयान के मुताबिक, यह मौजूदा पैन/टैन 1.0 ढांचे का उन्नत रूप होगा जो मुख्य और गैर-मुख्य पैन/टैन गतिविधियों के साथ पैन सत्यापन सेवा को भी एकीकृत करेगा।
 
सरकार के इस फैसले पर डेलॉयट इंडिया में साझेदार प्रीतिन कुमार ने कहा, ‘‘पैन 2.0 परियोजना डिजिटल कर प्रशासन के लिए सरकार के दृष्टिकोण के साथ अच्छी तरह से मेल खाती है। यह एक स्वागतयोग्य कदम है।’’ वर्तमान में लगभग 78 करोड़ पैन जारी किए गए हैं। इनमें से 98 प्रतिशत पैन व्यक्तियों को जारी किए गए हैं। इनपुट एजेंसियां

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