फेसबुक ने बना दिया है लोगों को फालतू

इसमें कोई शक नहीं है कि फेसबुक हमें लोगों से जोड़ता है, हमारी व्यस्तता के चलते हमें सामाजिक प्राणी बनाए रखता है, लेकिन इसका अत्यधिक उपयोग मुसीबत की ओर इशारा कर रहा है। लोगों में अब फेसबुक एक लत की तरह हो गया है। लोग अब आत्मकेंद्रित और दूसरों के प्रति कम संवेदनशील हो गए हैं।

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एक अध्ययन से पता चला है कि 18 से 50 के बीच का आयु वर्ग सबसे ज्यादा फेसबुक उपयोग करता है। 400 से अधिक लोगों पर किए गए अध्ययन से उनकी फेसबुक को सोच और व्यवहार में आए परिवर्तनों की पड़ताल की है। इसमें पता चला है कि वे सभी फेसबुक पर प्रतिदिन तीन घंटे से ज्यादा समय बिताते हैं।

इसमें सबसे ज्यादा वे अपनी फेसबुक प्रोफाइल फोटो पर आई लाइक्स और कमेंट्स और अपने स्टेट्स पर आई कमेंट्स के बारे में उत्सुक और चिंतित रहते हैं। वे देखते है कि अगर प्रोफ़ाइल फोटो पर ज्यादा लाइस नहीं आतीं तो वे अवसादग्रस्त हो जाते हैं। तस्वीर को लोगों के ध्यान में लाने के लिए वे अगली बार से ज्यादा आकर्षक फोटो डालते हैं।

पुरुषों और महिलाओं दोनों में यह चीज़ समान रूप से नोटिस की गई है कि फोटो पर लाइक आने और न आने से उनके व्यवहार में बदलाव आ जाता है। महिलाएं हर महीने में दो बार अपनी फोटो बदलतीं है और पुरुष एक बार। फेसबुक एक बहुत ही अच्छे कंसेप्ट से साथ बनाई गई है लेकिन लोगों ने उसे बहुत ही गलत तरीके से आत्मसात कर लिया है और उसका खामियाजा भी भुगत रहे हैं।

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