PM Modi News : ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास प्रौद्योगिकी तथा भारत के भविष्य को लेकर स्पष्ट योजना है और उनका तीसरा कार्यकाल यह दर्शाता है कि वह लगातार वास्तविक परिवर्तन लाने में सक्षम हैं।
'एनडीटीवी वर्ल्ड समिट' में कैमरुन ने कहा कि आर्थिक विकास को गति देने, बुनियादी ढांचे में सुधार और देश के भविष्य के लिए एक स्पष्ट योजना का होना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब आप राजनीति में होते हैं कि तो सबकी निगाहें आप पर टिकी रहती हैं। अगर आपके पास इस बारे में कोई स्पष्ट योजना नहीं है कि आप क्या करना चाहते हैं तो आप लगातार अल्पकालिक समस्याओं और कठिनाइयों से विचलित होते रहते हैं।
इससे पहले शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का अपना दृष्टिकोण साझा किया और अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 125 दिन के दौरान अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया।
कैमरुन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को सुनकर अच्छा लगा। अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में जोश के उसी स्तर को बनाए रखना वास्तव में प्रभावित करने वाला है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में टोनी ब्लेयर और मार्गरेट थैचर के बाद से कोई भी प्रधानमंत्री 3 कार्यकाल तक नहीं रहा है।
उन्होंने कहा कि यह बहुत प्रभावित करने वाला है, क्योंकि इसका मतलब है कि आपमें वास्तविक बदलाव लाने, बेहतर तरीके से वास्तविक चीजों को अंजाम देने की क्षमता है, जो हम भारत में होते हुए देख रहे हैं। कैमरुन ने कहा कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नेताओं के पास भविष्य के लिए स्पष्ट योजना होनी चाहिए।
कैमरुन ने कहा कि आपके पास जितनी अधिक योजना होगी, शोर कम होते ही आप उतनी ही जल्दी उस पर वापस आ सकेंगे। 'एनडीटीवी वर्ल्ड समिट' के दौरान कैमरुन ने यह भी कहा कि भारत की इतनी साख है कि वह यूक्रेन एवं रूस के बीच मौजूदा संघर्ष में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है। इससे एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विकासशील देशों के संगठन 'ब्रिक्स' शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस रवाना हुए। ब्रिक्स के घटक राष्ट्र ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं।
कैमरुन ने कहा कि भारत की इतनी साख है कि वह यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है। उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात के लिए मोदी की हालिया यूक्रेन यात्रा का जिक्र किया। कैमरुन ने कहा कि इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए जो भी भूमिका निभाई जाएगी, उसका स्वागत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लेकिन इसे यूक्रेन की संप्रभुता और स्वतंत्रता को मान्यता प्रदान करने वाले तरीके से किया जाना चाहिए।
कैमरुन ने कहा कि भारत मध्यस्थ की भूमिका में हो सकता है लेकिन यह सुनिश्चित होना चाहिए कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बलपूर्वक किसी क्षेत्र पर कब्जा करने की अनुमति न मिल सके। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के विस्तार तथा विश्व संस्था में भारत की स्थाई सदस्यता की पुरजोर वकालत भी की।
उन्होंने कहा कि बदलाव की आवश्यकता है, क्योंकि दूसरे विश्वयुद्ध के समाप्ति होने पर संस्था की स्थापना के बाद से दुनिया बहुत बदल गई है। उन्होंने कहा कि आप भारत के उत्थान को देखें, जो संभवत: इस सदी में किसी समय दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसलिए जाहिर है हमें बदलाव की आवश्यकता है और भारत जैसे देशों को इसके केंद्र में होना चाहिए।
कैमरुन ने कहा कि बहुपक्षीय संस्थाओं को बदलने में लंबा समय लगेगा और यह देखकर अच्छा लगता है कि भारत ने चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद समूह 'क्वाड' और जी-20 जैसी संस्थाओं में अपनी जगह बनाई है।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour