अमेरिकी जाँच एजेंसी एफबीआई का कहना है कि हैकरों ने स्वचालित अपराध संजाल या बाटनेट्स के माध्यम से दस लाख से ज्यादा कम्प्यूटरों पर कब्जा कर रखा है और वह उनकी शिनाख्त करने की कोशिश कर रही है।
एफबीआई के अधिकारियों ने इस हफ्ते तीन लोगों को इस संबंध में गिरफ्तार करने की घोषणा की है। तीनों कम्प्यूटरों को संक्रमित कर उनमें ऐसे साफ्टवेअर डाल देते थे जिससे उस संक्रमित कम्प्यूटर को रिमोट से नियंत्रित किया जा सकता है। ये साफ्टवेअर आमतौर पर स्पैम ईमेल के माध्यम से भेजा जाता है।
एफबीआई के विशेष एजेंट रिचर्ड कोलको ने शुक्रवार को बताया कि बाटनेट्स से संक्रमित दस लाख कम्प्यूटरों में से ज्यादातर अमेरिका में ही स्थित हैं लेकिन यह एक वैश्विक समस्या है। अमेरिकी अधिकारियों ने इसकी जाँच के लिए 60 देशों के साथ साझेदारी की।
एफबीआई के साइबर विभाग के सहायक निदेशक जेम्स फिंच ने बताया पीड़ितों में से ज्यादातर को यह भी नहीं मालूम कि उनके कम्प्यूटरों पर हमला हुआ है या उनके निजी ब्योरे का दोहन किया जा रहा है।
फिंच ने कहा कि कोई हमलावर कम्प्यूटर को किसी वाइरस या अन्य कोड के माध्यम से संक्रमित कर उस पर नियंत्रण प्राप्त करता है और कम्प्यूटर सामान्य रूप से काम करना जारी रखता है।
उन्होंने उसके लिए कम्प्यूटर की कठोर सुरक्षा की आदत अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नागरिक कम्प्यूटर सुरक्षा की कठोर आदतों पर अमल कर बाटनेट्स और संबद्ध स्कीमों से अपना बचाव कर सकते हैं।
एफबीआई ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों के दौरान उसने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तार लोगों पर बाटनेट्स होने अर्थात कम्प्यूटरों के बाटनेट्स को नियंत्रित करने का आरोप है।
इसका उपयोग कम्प्यूटर उपयोक्ता की शिनाख्त चोरी करने फीशींग स्पैम या अन्य दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।