स्वदेशी प्रीपेड कार्ड रुपे हुआ जारी, जानिए क्या हैं उपयोग

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नई दिल्ली। भारत ने ‘वीजा’ और ‘मास्ट कार्ड’ का गुरुवार को देसी विकल्प ‘रुपे’ पेश किया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को यहां राष्ट्रपति भवन में एक एक समारोह में ‘रुपे’ कार्ड का अनावरण किया। यह एटीएम मशीनों से धन निकालने और दुकानों तथा पेट्रोल पंपों आदि पर खरीदारी के कार्ड से भुगतान के लिए प्रयोग किया जा सकता है।

इस कार्ड को राष्ट्र को समर्पित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ‘रुपे’ के प्रचलन में आने के साथ भारत उन कुछ गिने-चुने देशों में आ गया है जिन्होंने अपने खुद के का कार्ड के जरिए भुगतान का मार्ग स्थापित कर लिया है।

राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि आने वाले दिनों में भारत जैसे विशाल देश में कार्ड से लेने-देन का दायरा बहुत अधिक बढेगा। उन्होंने कहा कि ‘रुपे’ प्रणाली से लेन देन के लिए न सिर्फ नकदी पर निर्भरता घटेगी बल्कि उपयोक्ताओं को देश में भुगतान के विकल्पों को विविधता भी मिलेगी।

भारतीय रेल की वाणिज्यिक इंटरनेट साइट आईआरसीटीसी जल्दी अपने यहां रुपे कार्ड से क्रय-विक्रय की सुविधा शुरू करेगी जिससे लोगों को रुपे कार्ड के जरिए रेल टिकट बुकिंग में मदद मिलेगी।

रुपे प्रणाली का विकास नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने कराया है। यह विश्व की सातवां पेमेंट गेटवे या भुगतान मार्ग है। एनपीसीआई के अध्यक्ष बालचंद्रन एम. ने कहा कि एनपीसीआई के निदेशक मंडल ने ‘रुपे’ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित करने की योजना भी बनाई है। इस संबंध में अमेरिका में डिस्कवर फिनांशल सर्विसेज और जापान में जेडीसी के साथ गठजोड़ की बातचीत चल रही है। रुपे तीन चैनलों (एटीएम, बिक्री केंद्र और ऑनलाइन बिक्री) पर काम करता है। इस मौके पर वित्तीय सेवा सचिव जी एस संधू ने कहा कि रुपे अंतरराष्ट्रीय कार्ड की लागत से कम कीमत पर उपलब्ध होगा।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अब तक 25,331 रुपे कार्ड एटीएम लगाए हैं और चालू वित्त वर्ष के दौरान 9,000 और एटीएम लगाए जाएंगे। रुपे कार्ड देश के सभी 1.6 लाख से अधिक एटीएम, 95 प्रतिशत बिक्री केंद्र (9.45 लाख से अधिक) और ज्यादातर ई-वाणिज्य पोर्टल (करीब 10,000) पर स्वीकार किए जाते हैं। (भाषा)

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