9 सितंबर को जैन धर्म का रोटी तीज व्रत रहेगा। यह पर्व भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तीज को मनाया जाता है। यह पर्व खासकर दिगंबर जैन समाज मनाता है। दिगंबर जैन समाज बड़ी पक्षाल के बाद गुरुवार को रोट तीज मनाएगा। आओ जानते हैं कि क्या है यह रोटीतीज का पर्व।
1. श्वेतांबर समाज 8 दिन तक पर्युषण पर्व मनाते हैं जिसे 'अष्टान्हिका' कहते हैं जबकि दिगंबर 10 दिन तक मनाते हैं जिसे वे 'दशलक्षण' कहते हैं। इस दशलक्ष्ण के व्रत प्रारंभ होने से पूर्व रोटीतीज का पर्व मनाया जाता है। 3 से 10 सितंबर तक श्वेतांबर और 10 सितंबर से दिगंबर समाज के 10 दिवसीय पयुर्षण पर्व की शुरुआत है।
2. रोटीतीज पर्व पर 24 तीर्थंकरों व चौबीसी की पूजा होती है। इस दिन महिलाएं पूजा पाठ कर भोजन बनाती है।
3. घरों में रोट, खीर, रायता, तरोई व पचकुटे की सब्जी बनती है। इस दिन रोट के साथ खासकर तुरई की सब्जी और चावल की खीर बनाई जाती है।
4. इस दिन जैन धर्मावलंबी इस दिन अन्य समाजों के अपने दोस्तों आदि को भी भोजन पर बुलाते हैं।
5. इस दिन जैन धर्म की महिलाएं रोट तीज का उपवास रखकर दिनभर पूजा-अर्चना करती हैं और मंदिर में अपनी बनाए हुए पकवान अर्पित करती हैं।