जम्मू। कश्मीर को शेष विश्व से जोड़ने वाला एकमात्र 300 किमी लंबा जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे एक बार फिर चर्चा में है। यह चर्चा 3 दिवसीय 'ड्राई डे' के कारण है। जनाब आप गलत समझ रहे हैं। आप शायद यह समझ रहे हैं कि इन 3 दिनों के 'ड्राई डे' के दौरान इस हाईवे पर शराबबंदी होगी बल्कि ऐसा नहीं है। इस पर 'ड्राई डे' के दिनों में सिर्फ वाहनबंदी होगी अर्थात वाहनों को नहीं चलने दिया जाएगा।
ये हमले फिलहाल रुके नहीं हैं, पर इतना जरूर था कि उन्हें नाकाम बना दिया जाता रहा है। अफसोस इस बात का था कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा के लेथपोरा में इसी हाईवे पर हुए आज तक के सबसे भीषण आतंकी हमले को रोका नहीं जा सका था जिसमें 50 के करीब केरिपुब के जवानों की मौत हो गई थी। अब इस पर रखरखाव और मरम्मत के लिए कल यानी 24 फरवरी और 3 व 10 मार्च को वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लागू किया गया है।
खबर यह नहीं है कि यह प्रतिबंध लागू कर उन हजारों लोगों के लिए परेशानी पैदा की गई है जिन्हें जम्मू से कश्मीर और कश्मीर से जम्मू का सफर करना है बल्कि खबर यह है कि इस रोडबंदी या कह लीजिए वाहनबंदी, को यातायात पुलिस ने 'ड्राई डे' का नाम देकर इसे सुर्खियों में लाकर चर्चा का विषय बना दिया है।
एक यातायात पुलिस अधिकारी के बकौल, जब इस पर कोई वाहन ही नहीं चलेगा तो उसे 'ड्राई डे' ही कहा जाता है। यह पहली बार है कि इस हाईवे पर 3 दिनों के लिए 'ड्राई डे' लागू किया जा रहा है। वैसे गैरसरकारी तौर पर कोरोना काल के दौरान हुए पहले लॉकडाउन के अरसे में भी इस पर कई महीनों तक 'ड्राई डे' रहा था। तब यह सुर्खियों में उस समय आया था, जब इस पर चलने वालों को हाथों पर अनुमति की मुहर लगवाकर चलना पड़ा था और अब एक बार फिर यह चर्चा में है।