Kathua Terror Attack: हीरानगर (Kathua) के सैदा सुखल गांव के एक सतर्क ग्रामीण ने समय रहते स्थानीय लोगों को हथियारबंद आतंकवादियों को लेकर सचेत कर दिया जिस कारण एक बड़ी घटना टल गई और पुलिस को आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिल गई। मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) का एक जवान शहीद हो गया।
मंगलवार शाम को अंतरराष्ट्रीय सीमा के समीप गांव पर आतंकवादी हमले में एक संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी को मार गिराया गया। मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक जवान शहीद हो गया और साथ ही एक नागरिक भी घायल हो गया।
इस हमले के बाद एक अन्य फरार आतंकवादी को पकड़ने के लिए 17 घंटे तक चले अभियान के बाद भी क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। हमले के वक्त मौजूद गांव में रहने वाले सुरिंदर ने कहा कि मैंने गांव में आतंकवादियों के होने की सूचना फैला दी जिस कारण एक बड़ी घटना टल गई। कई बच्चे खेल रहे थे और लोग बाहर घूम रहे थे। वे (आतंकवादी) आसानी से 15 से 20 लोगों को मार सकते थे जिनमें ज्यादातर बच्चे थे। लोग शाम को सत्संग के लिए जा रहे थे। यह भयानक हो सकता था।
बच्चे ने 2 हथियारबंद युवकों के बारे में बताया : अपनी मोटरसाइकल से गांव लौट रहे सुरिंदर का सामना हथियारबंद आतंकियों से हुआ था। आतंकियों ने सुरंदिर से पानी मांगा जिसके बाद उसे उनके व्यवहार पर शक हुआ। इसके बाद उसने गांव वालों को सचेत कर दिया। सुरिंदर ने कहा कि शाम के करीब 7.30 या 7.45 बजे थे। मैं अपनी बाइक पर था कि तभी एक बच्चे ने मुझे गांव में 2 हथियारबंद युवकों के बारे में बताया। मैंने उन्हें काले कपड़े पहने और एके राइफलों के साथ देखा। वे मुझे अपने पास बुला रहे थे। मुझे संदेह हुआ कि वे आतंकवादी हैं और मैंने गांव वालों को इसके बारे में बताया जिसके बाद वे तुरंत अपने-अपने घर भाग गए। दुकानें बंद हो गईं और वाहनों की आवाजाही बंद हो गई।
उन्होंने कहा कि मेरे सचेत करने के कुछ ही पलों बाद आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। उन्होंने कई गोलियां चलाईं जिससे एक स्थानीय व्यक्ति के कंधे में चोट लग गई और उसके बाद एक धमाका हुआ। सुरिंदर ने तुरंत जिला विकास समिति के एक सदस्य को सूचित किया जिसने पुलिस को घटना की सूचना दी। पुलिस तुरंत पहुंची और एक आतंकवादी को मार गिराया गया जबकि दूसरा भाग निकला।
उन्होंने कहा कि समय पर सूचना देने के लिए भगवान का शुक्र है। सुरिंदर ने कहा कि अगर आतंकवादी दिन में आते तो स्थिति और भी खराब हो सकती थी, क्योंकि सुबह के वक्त भीड़भाड़ होती है। देर रात 3 बजे फिर से गोलीबारी हुई जिसमें सीआरपीएफ का एक अधिकारी शहीद हो गया।
इस आतंकी हमले से गांव वालों में डर का माहौल है। उनका मानना है कि आतंकवादियों ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सुरक्षा बाड़ को पार कर सुरंग के जरिए घुसपैठ की होगी। गांव में रहने वाले त्रिलोक चंद ने कहा कि अब घुसपैठ का डर है। इस इलाके में लंबे समय से ऐसी घटनाएं नहीं हुई हैं। यह अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब है। सरकार को पुख्ता सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।(भाषा)